तेलंगाना: मुख्यमंत्री चंद्रशेखर राव के मंत्रिमंडल का फैसला, विधानसभा होगी भंग पुणे पुलिस पर कोर्ट की टिप्पणी मामले की सुनवाई करते हुए न्यायाधीश चंद्रचूड ने पुणे पुलिस पर कड़ी टिप्पणी की। सुप्रीम कोर्ट ने पुलिस की प्रेस कॉन्फ्रेंस को लेकर भी नाराजगी जताई है। उन्होंने कहा कि पुलिस ऐसा कह सकती है कि सुप्रीम कोर्ट को इस मामले में दखल नहीं देना चाहिए। प्रेस से बात करने को लेकर असिस्टेंट सॉलिसिटर जनरल ( ASG ) तुषार मेहता ने कोर्ट से माफी मांगी है। उल्लेखनीय है कि पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था। उस समय जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा था कि असहमति लोकतंत्र का सेफ्टी वॉल्व है, इसे रोका तो यह फट जाएगा। दूसरी ओर याचिकाकर्ता के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा था कि एफआईआर में गिरफ्तार किए लोगों का नाम तक नहीं है, जबकि पुणे पुलिस की ओर से ASG तुषार मेहता कहा था कि याचिका दायर करने वालों का इस मामले का कोई संबंध नहीं है। वहीं पुणे पुलिस ने इनआरोपियों को माओवादियों के साथ संबंध होने के आरोप में गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) कानून के तहत गिरफ्तार किया था। मामले में जनवरी में एक FIR दर्ज की गई थी और मार्च में कुछ और धाराएं जोड़ी गई थीं।