बुधवार को पटना हाईकोर्ट ने ये आदेश सहरसा जिले के एक विद्यालय की छात्रा प्रियंका सिंह की याचिका पर दिया है। प्रियंका ने इसी साल मेट्रिक की परीक्षा पास की थी, जहां उसे संस्कृत में चार और विज्ञान में 29 मार्क्स दिए गए थे। इसके बाद प्रियंका ने इन दोनों पेपरों की दोबारा से जांच कराई। दोबारा जांच में प्रियंका को संस्कृत में 9 और विज्ञान में सात नंबर मिले।
प्रियंका ने कोर्ट में जमा कराए थे 40 हजार रुपए
इसके बाद प्रियंका ने पटना हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की, जहां कोर्ट ने सुनवाई के दौरान प्रियंका के वक़ील को कहा अगर उसके (छात्रा के) आरोप ग़लत पाये गये तब 40 हज़ार रुपए का आर्थिक दंड लगेगा। छात्रा ने इस राशि को सुनवाई से पहले ही जमा करा दिया था, लेकिन फैसला प्रियंका के हक में आया।
सुनवाई के दौरान छात्रा की कापी जमा करायी लेकिन इसमें हैंडराइटिंग किसी और की थी। अदालत को फटकार के बाद प्रियंका की मूल कॉपी पेश की गई और बहाना यह बनाया गया कि बारकोडिंग ग़लत थी। जब कोर्ट के सामने जांच हुई तब प्रियंका संस्कृत में 61 और विज्ञान में 80 नंबर आए।
कोर्ट ने मामले में माना कि प्रियंका और उसके अभिभावक को इस मामले से मानसिक पीड़ा से गुजरना पड़ा है, इसलिये 5 लाख रुपए की राशि अगले तीन महीने में उनके खाते में जमा की जाए। कोर्ट ने अपने आदेश में यह भी स्वीकार किया कि स्क्रूटिनी में महज खानापूर्ति होती हैं। अदालत ने बोर्ड को व्यवस्था में सुधार लाने के लिए एक कमिटी का भी गठन करने का आदेश दिया।