देवास जिले के खातेगांव विकासखंड के ग्राम मालसगोदा-ठामरिया तलाई में कंपनी अंधेरे का भी बिल (राशि) वसूल रही है। बिना बिजली के इस गांव में करीब 50 से ज्यादा परिवार 45 वर्षो से रह रहे हैं। बावजूद इसके तीन माह से बिजली कंपनी ग्रामीणों को बिल जारी कर रही है। पहले कंपनी कार्यालय और फिर इसके बाद ग्रामीणों ने जिले के बड़े अफसरों के सामने इस मनमानी की शिकायत भी की है, अब तहसीलदार मामले की जांच कर रहे है। कुछ दिनों बाद जांच के तथ्य सामने आ जाएंगे, लेकिन विद्युत उत्पादन और वितरण के क्षेत्र में सुधार के माहौल के बीच हर रात चिमनी की रोशनी में भविष्य तलाशते बच्चे और मोमबत्ती की रोशनी में घर का काम करती महिलाएं प्रदेश की अलग ही तस्वीर दिखला रही है। शहरी क्षेत्रों में महज कुछ घंटे बिजली बंद होने पर अफसर सवाल-जवाब का मैदान संभाल लेते हैं, लेकिन एक गांव में रह रहे 50 से ज्यादा परिवारों की पीड़ा कोई हलचल नहीं मचाती और ना ही बड़े जिम्मेदार बिजली कंपनी से सीधे सवाल करने जैसे कदम उठाते है।
इस दिशा में सरकार को भी बिजली कंपनी की कार्यप्रणाली पर लगाम लगानी होगी, फिर 45 वर्षों से बिजली की राह देख रहे ग्रामीणों की पीड़ा को भी समझकर उनके जीवन में रोशनी लानी होगी। इतना ही नहीं, ऐसे अन्य इलाके भी कंपनी को चिह्नित करने चाहिए, जहां बिजली नहीं है और उन इलाकों में बिजली पहुंचाने की योजना बनाकर तुरंत इस पर अमल करना चाहिए, क्योंकि आज के युग में बिजली के बिना रहना बड़ा अभिशाप है।