पब्लिक लाइफ और राजनैतिक मामलों पर टीका-टिप्पणी व खुलकर किसी राजनेता के समर्थन को लेकर पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा कि जिस दिन मैं लोकसभा चुनाव 2019 में कुछ प्रत्याशियों के लिए चुनाव प्रचार को गई उसी दिन मैंने चार ब्रांड खो दिए। तीन इवेंट खो दिए। असल में सार्वजनिक जीवन जीने के दौरान कई चीजें दांव पर लगी होती हैं।
कई बार किसी सुपरस्टार के किसी बयान के बाद उसकी कार पर पत्थर फेंके जाते हैं। गौर करें तो पाएंगे कि बतौर स्टार जीवन जीते वक्त खुद की जिंदगी, परिवार और करियर लगातार दांव पर लगे होते हैं। लेकिन एक बेहतर समाज की जिम्मेदारी है कि वो सबको मौका दे।
फिल्मकारों को और गंभीर होने की जरूरत बॉलीवुड अभिनेत्री स्वरा भास्कर के मुताबिक आज के दौर में बॉलीवुड और दूसरी भाषाओं के सिनेमाकारों को थोड़ा और ज्यादा संवेदनशील हो जाना चाहिए। जब इस बात से फर्क पड़ रहा है कि सिनेमाकार किन मुद्दों को उठा रहा है। अब जरूरी हो गया है कि फिल्मों में भी धर्म, जाति और लैंगिक विषमताओं पर बात की जानी चाहिए।
स्वरा भास्कर ने यह भी कहा कि इन दिनों सामाजिक और राजनीतिक विषयों पर फिल्म बनाने को लेकर बॉलीवुड थोड़ा जिम्मेदार हुआ है। उन्होंने बताया कि अगर अल्पसंख्यक लोग कहते हैं कि देश में असहिष्णुता है तो उनकी बात भी सुनी जानी चाहिए। आप केवल इस आधार पर उनकी बात को अनसुनी नहीं कर सकते कि आप अल्पसंख्यक नहीं हैं।
अगर कोई दलित कहता है कि मैं डरा हुआ हूं। मुझे लिंचिंग होने का भय है तो उसकी बात को सुना जाना चाहिए। इसे कतई इस तरह से नहीं देखा जाना चाहिए कि आपके साथ नहीं हुआ है तो आपको इससे क्या मतलब है। हमें उनको सुनने की जरूरत है।
लेस्बियन का किरदार निभा रही हैं स्वरा शीर कोरमा एक लेस्बियन कपल की कहानी है। इसमें स्वरा के साथ दिव्या दत्ता एक लेस्बियन कपल के तौर पर देखी जाएंगी। इनके अलावा फिल्म में शबाना आजमी भी हैं। महिलाओं के मिजाज को ऑन-स्क्रीन उकेरने के सवाल पर स्वरा भास्कर ने कहा कि तनु वेड्स मनु और जब वी मेट जैसी फिल्मों में हमने महिलाओं में भ्रम की स्थिति और उनकी अजीबो-गरीब हरकतों को देखा। लेकिन इसके बाद भी फिल्म की हीरोइनों के किरदार को बैड गर्ल की श्रेणी में नहीं रखा गया।
बता दें कि लोकसभा चुनाव के दौरान स्वरा ने जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ ( JNUSU ) पूर्व अध्यक्ष और बिहार के बेगुसराय लोकसभा से बतौर भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPI) उम्मीदवार चुनाव लड़ चुके कन्हैया कुमार का खुलकर समर्थन किया था। यहां तक वह लोकसभा क्षेत्र में प्रचार के लिए भी गई थीं।