scriptसोहराबुद्दीन एनकाउंटर मामला: हाई कोर्ट ने निचली अदालत के फैसले को रखा बरकरार, डीजी बंजारा समेत सभी पुलिसकर्मी बरी | Bombay HC dismisses petitions challenging discharge of DG Vanzara | Patrika News

सोहराबुद्दीन एनकाउंटर मामला: हाई कोर्ट ने निचली अदालत के फैसले को रखा बरकरार, डीजी बंजारा समेत सभी पुलिसकर्मी बरी

locationनई दिल्लीPublished: Sep 10, 2018 02:16:31 pm

Submitted by:

Saif Ur Rehman

2005-2006 में मुठभेड़ में सोहराबुद्दीन शेख, उसकी पत्नी कौसर बी और उसका सहायक तुलसीराम प्रजापति मारे गए थे।

DG vanzara

सोहराबुद्दीन एनकाउंटर मामला: बॉम्बे उच्च न्यायालय ने डीजी बंजारा समेत सभी पुलिसकर्मियों को आरोपमुक्त किया

मुंबई। चर्चित सोहराबुद्दीन एनकाउंटर मामले में सोमवार को बॉम्बे हाईकोर्ट ने डीजी वंजारा समेत सभी पुलिसकर्मियों को निचली अदालत के फैसले को बरकरार रखा है। गौरतलब है कि बॉम्बे हाई कोर्ट ने गुजरात के आईपीएस अधिकारी राजकुमार पांडियन, गुजरात एटीएस के पूर्व प्रमुख डीजी वंजारा, गुजरात पुलिस के अधिकारी एनके अमीन, राजस्थान कैडर के आईपीएस अधिकारी दिनेश एमएन और राजस्थान पुलिस के कॉन्स्टेबल दलपत सिंह राठौड़ को निचली अदालत ने बरी कर दिया था।
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सोहराबुद्दीन के भाई ने दायर की थी याचिका
निचली अदालत के सभी पुलिसकर्मियों को आरोपमुक्त करने के बाद छह याचिका दायर की गई थी। जिसमें तीन पुनरीक्षण याचिका सोहराबुद्दीन के भाई रूबाबुद्दीन ने फैसले के विरोध में डाली। जो गुजरात के पूर्व डीआईजी डी जी वंजारा, आईपीएस अधिकारी राजकुमार पांडियन और आईपीएस अधिकारी दिनेश एमएन के खिलाफ थी। वहीं सीबीआई ने राजस्थान पुलिस के कॉन्स्टेबल दलपत सिंह राठौड़ और गुजरात पुलिस के अधिकारी एनके अमीन के खिलाफ याचिका दी थी। एक याचिका सह-आरोपी गुजरात आईपीएस विपुल अग्रवाल ने दी। अग्रवाल की आरोपमुक्त करने संबंधी याचिका को पिछले साल निचली अदालत ने खारिज कर दिया था। विपुल अग्रवाल की याचिका पर भी अलग से सुनवाई की गई।
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15 लोग हुए आरोपमुक्त
देश की सबसे बड़ी अदालत उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद ये केस मुंबई की विशेष अदालत में स्थानांतरित हुआ था। जहां 2014 से 2017 के बीच 38 लोगों में से 15 को बरी कर दिया गया। आरोपमुक्त में 14 पुलिस अधिकारी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह शामिल हैं। बॉम्बे उच्च न्यायालय के न्यायाधीश बदर ने चार जुलाई के बाद से नियमति आधार पर सुनवाई की।
सीबीआई ने मुठभेड़ को फर्जी बताया था

सीबीआई ने देश के सबसे चर्चित एनकाउंटर में से एक रहा सोहराबुद्दीन एनकाउंटर को फर्जी करार दिया था। सीबीआई के आरोप पत्र के मुताबिक, गुजरात के एक संदिग्ध गैंगस्टर सोहराबुद्दीन शेख और उसकी पत्नी कौसर बी को गुजरात एटीएस और राजस्थान पुलिस के अधिकारियों ने हैदराबाद के पास से अगवा कर लिया था और उन्हें नवंबर 2005 में एक फर्जी मुठभेड़ में मार गिराया गया। सीबीआइ ने दावा किया था राजस्थान पुलिस के कुछ अधिकारियों ने गुजरात और राजस्थान के अधिकारियों के इशारे पर प्रजापति को भी दिसंबर 2006 में अन्य फर्जी मुठभेड़ में मार गिराया। जिन अधिकारियों ने प्रजापति को मारने के निर्देश दिए थे वे पति-पत्नी की हत्या में शामिल थे। जबकि पुलिस का कहना था कि सोहराबुद्दीन के संबंध आतंकियों से जुड़े थे
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