इस मामले में सीबीआई की जांच जारी है। शरद कालस्कर से पूछताछ के बाद यह गिरफ्तारी हुई है। उसने कहा कि वह और एंडूर दोनों तर्कवादी दाभोलकर की हत्या में शामिल थे। इस बीच एटीएस ने एंडूर को सीबीआई सुपुर्द कर दिया है। अब इस बात की संभावना ज्यादा है कि इसके बाद शरद कालस्कर को भी गिरफ्तार किया जा सकता है।
एटीएस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि शरद कालस्कार ने पूछताछ के दौरान स्वीकार किया है कि उसने दाभोलकर की हत्या में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। दोनों ने मिलकर एक मोटरसाइकिल की व्यवस्था की थी। दोनों हिंदूवादी संगठनों से जुड़े हैं। सूत्रों ने कहा कि सीबीआई बाद में लस्कर की हिरासत मांगेगी।
सीबीआई और महाराष्ट्र एटीएस ने ये गिरफ्तारी बंबई उच्च न्यायालय द्वारा फटकार लगाए जाने के बाद की है। दाभोलकर को 20 अगस्त, 2013 को मोटरसाइकिल पर दो हमलावरों ने अपने पुणे निवास के बाहर गोली मार दी थी। पुणे पुलिस ने एक हत्या का मामला दर्ज किया था और जांच मई, 2014 में सीबीआई को सौंपी गई थी।
इस बीच दाभोलकर मामले में सनातन संस्थान सदस्यों का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील संजीव पुनालेकर ने कहा कि अभी तक मुझे नहीं पता कि एंडूर नाम का यह व्यक्ति सनातन संस्थान का सदस्य है या नहीं। उनकी गिरफ्तारी पिछली गिरफ्तारी के बारे में गंभीर सवाल उठाती है। अपने पहले आरोपपत्र में सीबीआई ने कहा कि अकोलकर और पवार दो हमलावर हैं। अब यह तीसरा नाम आया है कि यदि पिछली गिरफ्तारी गलत हैं, तो गलत गिरफ्तारी के लिए कौन जिम्मेदार है। आपको बता दें कि 20 अगस्त, 2013 को पुणे में वी आर शिंदे ब्रिज में नरेंद्र दाभोलकर को दो अज्ञात बंदूकधारियों ने गोली मार दी थी।