CBI official claims : नीरव मोदी की जमानत याचिका बार-बार खारिज होना इंडिया-यूके की बड़ी सफलता
- सीबीआई के अधिकारी बोले - नीरव की जमानत याचिका खारिज होना बड़ी सफलता।
- भारत और ब्रिटेन के अधिकारियों के बीच बेहतर तालमेल का नायाब उदाहरण।

नई दिल्ली। हीरा कोरोबारी और भगोड़े नीरव मोदी ( Neerav Modi ) की जमानत याचिका बार-बार ब्रिटेन के वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट अदालत ( Westminster magistrate court ) से खारिज होना भारतीय विदेश मंत्रालय, देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी और यूके क्राउन प्रॉसिक्यूशन सर्विस के बीच तालमेल का शानदार उदाहरण है। इस मामले में सीबीआई ( CBI ) के एक अधिकारी ने दावा किया कि नीरव को बार—बार जमानत के मामले में झटका लगना हमारी बहुत बड़ी सफलता है।
"The repeated rejection of bail application of Nirav Modi is the result of excellent coordination between the CBI, MEA and UK's Crown Prosecution Service (CPS)," says a CBI official https://t.co/R6DYwwZ8t2
— ANI (@ANI) October 26, 2020
3 नवंबर को होगी अगली सुनवाई
बता दें कि भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी की रिमांड बीते शुक्रवार को लंदन की वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट अदालत ने वीडियो लिंक से हुई नियमित सुनवाई के दौरान बढ़ा दी। करीब दो अरब डॉलर के पीएनबी बैंक घोटाले के आरोपों में वांछित 49 वर्षीय नीरव मोदी अपने खिलाफ चल रहे प्रत्यर्पण मुकदमे में अब 3 नवंबर को होने वाली अगली सुनवाई में दक्षिण-पश्चिम लंदन में अपने कारागार से वीडियो लिंक के माध्यम से पेश हो सकता है।
इस बार भारत के सबूतों पर होगी दलील
वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट अदालत के जिला जज करीम इज्जत ने शुक्रवार को हुई सुनवाई के बाद कहा था कि मैं प्रत्यर्पण मामले में मामले को 3 नवंबर को होने वाली अगली सुनवाई तक के लिए स्थगित कर रहा हूं। आगामी सुनवाई में अदालत में भारतीय अधिकारियों द्वारा मुहैया कराए गए सबूतों की सत्यता विचार करने के लिए दलीलें रखी जाएंगी।
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