तूफानी भावनात्मक यात्रा सोशल साइट पर विरेन्द्र ने कहा कि अब जबकि मामले की जांच के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाया जा चुका है औ कानून ने अपना का शुरू कर दिया है। ऐसे में मुझे अपनी भावनाओं को आपके साथ साझा करने दो। उन्होंन लिखा कि
घटना के छह दिनों के भीतर हमारी जिंदगी कई मायनों में बदल गई है। यह एक तूफानी भावनात्मक यात्रा से कम नहीं है। विरेन्द्र ने फेसबुक पर लिखा कि इस दौरान वास्तविक घटना के आक्रोश से, कानून प्रवर्तन एजेंसियों के साथ हताशा और चिंता की दृष्टि से, दृश्यों के रूप में घबराहट, क्रोध और डर ने जहां मन को पूरी तरह से परेशान रखा, वहीं उम्मीदों और समर्थन की बाढ़ के रूप में उल्लास की बढ़ती भावना ने मनोबल बनाए रखने में पूरा सहयोग किया। समर्थन में उतरे लोगों के लिए कृतज्ञता व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा लोगों के समर्थन से हमारा होंसला बढ़ा है। उन्होंने कहा कि अभी लड़ाई खत्म नहीं हुई है। अभी लंबी यात्रा तय करनी बाकि है।
पुलिस का बताया गलत पता उधर, वर्णिका कुंडू मामले में एक बड़ा खुलासा हुआ है। दरअसल पुलिस पूछताछ में जो घर बराला ने अपना बताया है वह वास्तव में उसका है ही नहीं। पुलिस ने पीछा करने और अपहरण की कोशिश की जो एफआईआर विकास के खिलाफ दर्ज की है उसमें उसका पता चंडीगढ़ सेक्टर-7 का मकान नंबर 74 लिखा गया है लेकिन एक जांच पाया गया कि यह घर विकास के पिता, हरियाणा बीजेपी के अध्यक्ष सुभाष बराला को आवंटन ही नहीं किया गया है। जिसका मतलब यह ैकि यह घर आधिकारिक रूप से उनका नहीं है। बता दें कि लगभग 1000 गज का यह मकान हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के राजनीतिक सलाहकार दीपक मंगला को आवंटन किया गया है।