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‘जिन्ना नहीं नेहरू करना चाहते थे देश के टुकड़े-टुकड़े’

चन्द्र कुमार बोस ने कहा कि सुभाष चंद्र बोस भारत के पहले राष्ट्रवादी नेता थे एवं नेताजी अखण्ड भारत चाहते थे।

Mar 04, 2016 / 03:53 pm

Abhishek Tiwari

Chandra Kumar Bose In Jaipur

Chandra Kumar Bose In Jaipur

अभिषेक तिवारी, जयपुर। राजस्थान पत्रिका समूह की ओर से आयोजित किया जा रहा तीसरा पत्रिका की-नोट कार्यक्रम शुक्रवार से शुरू हो गया है। इस दो दिवसीय आयोजन में विभिन्न क्षेत्रों से जुड़ी नामी हस्तियां शिरकत करेंगी। इसी कार्यक्रम में शामिल होने के लिए सुभाष चन्द्र बोस के प्रपौत्र चन्द्र कुमार बोस भी जयपुर आए है। नेताजी सुभाष चन्द्र बोस के प्रपौत्र भतीजे चन्द्र कुमार बोस आजकल नेताजी से जुड़ी फाइलों को सार्वजनिक कराए जाने के लिए चलाए गए अभियान में सक्रिय हैं। चन्द्र कुमार बोस नेताजी के बड़े भाई शरत चन्द्र बोस के प्रपौत्र हैं।

हाल ही में हावड़ा में हुए एक कार्यक्रम में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की मौजूदगी में बोस भाजपा में शामिल हुए हैं। आने वाले महीनों में पश्चिम बंगाल में चुनाव होने वाले हैं। चन्द्र कुमार बोस के भाजपा में शामिल होने से पार्टी को फायदा होगा की नहीं ये तो आने वाला समय बताएगा।

राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सुभाष चन्द्र बोस से जुड़ी लगभग 64 फाइलें सार्वजनिक कर चुकी हैं। अन्य दल भी इसी कोशिश में हैं कि नेताजी के नाम पर राजनीतिक फायदा उठाया जाए। राज्य के सभी राजनीतिक दल नेताजी से जुड़ी विरासत को अपने तरीके से भुनाने के लिए सक्रिय हैं।

चन्द्र कुमार बोस की कोशिश है कि भारत सरकार रूस, जर्मनी, ब्रिटेन और अमरीका में रखी गई फाइलों को जारी किया जाए। ताकि सुभाष चन्द्र बोस की रहस्यमयी मौत से पर्दा हटाकरकर देश के सामने सच लाया जा सके।

इसी सिलसिले में www.patrika.com ने चंद्र कुमार बोस से कई अनसुलझे सवालों, देश के राजनीतिक हालात और बंगाल चुनाव पर बात की। बातचीत में बोस ने माना कि कांग्रेस का 60 साल का राज तानाशाही था। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को कभी आजादी चाहिए ही नहीं थी। कांग्रेस आजादी का विरोध करती रही थी।

#सवाल्. नेताजी से जुड़ी फाइलों को सार्वजनिक कराने में आप अहम भूमिका निभा रहे हैं, क्या आपको लगता है कि जो काम आप कर रहे हैं वो पहले सरकार को कर देना था और नेताजी के मौत के रहस्य हटाकर देश को सच्चाई बता देनी चाहिए थी ?
जवाब– कांग्रेस द्वारा नेताजी सुभाष चन्द्र बोस मामले पर जांच के बारे में सवाल किए जाने पर उन्होंने माना कि कांग्रेस के शासन में नेताजी के मामले को दबाया जाता रहा। बोस ने कहा कि जवाहर लाल नेहरू ने नेताजी सुभाष चन्द्र बोस मामले की फिर से जांच कराने से इंकार कर दिया था।

सवाल. क्या आपको लगता है कि कांग्रेस ने नेताजी से जुड़ी फाइलों को नष्ट किया ?
जवाब– बोस ने माना कि अटल बिहारी बाजपेई को यदि दूसरा टर्म मिला होता तो नेताजी की फाइलों का खुलासा तभी हो जाता। कांग्रेस को डर था की कांग्रेस का परिवारवाद की राजनीति खत्म हो जाएगी। सिर्फ यहीं एक वजह था जिसके कारण कांग्रेस ने नेताजी से जुड़ी फाइलों का सार्वजनिक नहीं किया।
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देश के टुकड़े के लिए कांग्रेस जिम्मेदार
इतना ही नहीं कश्मीर और बांग्लादेश के विभाजन के लिए बोस ने मोहम्मद अली जिन्ना की बजाए कांग्रेस को जिम्मेदार मानते हुए कहा कि बांग्लादेश और कश्मीर के विभाजन के लिए नेहरू ज़िम्मेदार थे। जिन्ना के बारे बोस ने कहा कि जिन्ना सिर्फ हिन्दू मुस्लिम एकता चाहते थे। उन्होंने कहा कि देश के विभाजन के लिए कांग्रेस जिम्मेदार है। बोस मानते हैं कि 1939 में पहली और आखिरी बार कांग्रेस प्रेसिडेंट का निष्पक्ष रूप से चुनाव हुआ था।
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सवाल. आपने बीजेपी ही क्यों ज्वाइन किया ?
जवाब– नेताजी के साथ कांग्रेस ने जो बर्ताव किया उसके बाद भी हम कांग्रेस में जाते तो ये नेताजी के साथ नाइंसाफी होती। यहीं वजह थी कि मैं बीजेपी में शामिल हुआ।
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बोस ने कहा कि सुभाष चंद्र बोस भारत के पहले राष्ट्रवादी नेता थे औऱ आज बीजेपी राष्ट्रवादी पार्टी है। बोस ने कहा कि नेताजी अखण्ड भारत चाहते थे।

सवाल. बंगाल में ममता बनर्जी के सरकार के कामों को किस तरह देखते हैं ?
बंगाल चुनाव के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि पार्टी जो ज़िम्मेदारी देगी मैं उसे निभाउंगा। वहीं टीएमसी के शासन के बारे में सवाल करने पर उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी ने बंगाल में एजूकेशन सिस्टम को खत्म किया है। उन्होंने कहा कि ममता के राज में पूरे बंगाल के हालात बदतर हो गए हैं।
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वहीं #JNU मामले पर सवाल पूछे जाने पर बोस कहते हैं कि यूनिवर्सिटी के छात्रों का राजनीति से कोई कनेक्शन नहीं होना चाहिए। वह कहते हैं कि विश्व विद्यालयों में राजनीति बंद होनी चाहिए।
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बोस ने बताया कि कांग्रेस जब तक सरकार में थी सरकार का से कोई हमें दिल्ली नहीं बुलाया वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुझे और पूरे नेताजी के परिवार के 50 लोगों को बुलाकर फाइले साझा करवाई। बोस को भरोसा है कि नेताजी से जुड़े हर एक रहस्य से पर्दा हटाकर पीएम मोदी सच को सामने लाएंगे।

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