भाजपा शासित इन राज्यों में सबसे ज्यादा है बेरोजगारी दर
सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकॉनमी (CMIE) के द्वारा किए गए इस सर्वे में सामने आया है कि जिन राज्यों में बेरोजगारी दर सबसे ज्यादा है, उनमें हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, झारखंड, बिहार और उत्तर प्रदेश शामिल हैं। इसके अलावा नॉर्थ ईस्ट के त्रिपुरा और दक्षिण के कर्नाटक में हालात भी अच्छे नहीं हैं। त्रिपुरा में तो सितंबर के डाटा के मुताबिक, बेरोजगारी दर सबसे ज्यादा है।
इन राज्यों में बेरोजगारी दर है बहुत ज्यादा
क्रमांक संख्या | राज्य | सरकार | बेरोजगारी दर |
1. | त्रिपुरा | भाजपा | 31.2% |
2. | दिल्ली | आम आदमी पार्टी | 20.4 % |
3. | हरियाणा | भाजपा | 20.3 % |
4. | हिमाचल प्रदेश | भाजपा | 15.6 % |
5. | झारखंड | भाजपा | 10.09 % |
6. | बिहार | भाजपा-जेडीयू | 10.03 % |
7. | पंजाब | कांग्रेस | 11.1 % |
8. | छत्तीसगढ़ | कांग्रेस | 8.6 % |
9. | उत्तर प्रदेश | भाजपा | 8.2 % |
10. | कर्नाटक | भाजपा | 3.3 % |
11. | तमिलनाडु | एआईडीएमके | 1.8 |
हरियाणा में 16 लाख से अधिक युवा हैं बेरोजगार- योगेंद्र यादव
आपको बता दें कि इनमें से कुछ राज्यों में तो हाल ही में विधानसभा चुनाव भी होने हैं। जैसे कि हरियाणा में 21 अक्टूबर को विधानसभा चुनाव हैं और वहां की विपक्षी पार्टियां बेरोजगारी के मुद्दे को जोरशोर से उठा रही हैं। हरियाणा में विधानसभा चुनाव लड़ रहे स्वराज इंडिया के संस्थापक योगेंद्र यादव का कहना है कि राज्य में 19 लाख से ज्यादा लोग बेरोजगार हैं। इसमें 16 लाख से अधिक ऐसे हैं, जिनके पास मैट्रिक की डिग्री और 3.8 लाख के पास ग्रैजुएशन या फिर उससे उपर की डिग्री है।
CMIE ने अपनी इस रिपोर्ट में बताया है कि भारत की बेरोजगारी दर अगस्त महीने में 8.2 प्रतिशत तो वहीं तो वहीं बीते तीन साल में ये सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच गई है।
लेबर मार्केट में मोदी सरकार के लिए अच्छी खबर
हालांकि सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (CMIE) की रिपोर्ट में मोदी सरकार के लिए अच्छी खबर भी आई है। दरअसल, सितंबर का महीना भारत में लेबर (श्रम) मार्केट के लिए बहुत अच्छा रहा है और ऐसा पिछले तीन साल में पहले बार हुआ है। इस महीने में श्रमिक भागीदारी के साथ-साथ ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में रोजगार में वृद्धि देखी गई है।