चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग कह रहे हैं कि जीवन सामान्य हो रहा है और अर्थव्यवस्था पटरी पर लौट रही है। ग्लेसर कहते हैं बीआरआइ परियोजना को फिर से शुरू करना उनकी प्राथमिकताओं में है, इसके पीछे आर्थिक कारण ही नहीं, यह चीन के राजनीतिक प्रभाव को बढ़ाने का लीवर है।
वायरस के प्रकोप से पहले भी आर्थिक मंदी के चलते कुछ देशों के प्रोजेक्ट से पीछे हटने पर शी ने इन देशों से बात की थी। अमरीका यह कहते हुए पहले ही बीआरआइ का विरोध कर रहा है कि चीन अपने रणनीतिक उद्दश्यों को पूरा करने के लिए गरीब देशों को ऋण जाल में फंसा रहा है। अब कोरोनावायरस ने एक और बाधा उत्पन्न कर दी है कि कई देशों ने चीनी लोगों को अपने देश में आने पर प्रतिबंध लगा दिया है।
इन देशों में रुका अरबों का काम
इंडोनेशिया के मंत्री लुहुत पंडजैतन ने स्वीकार किया कि करोड़ों डॉलर के जकार्ता-बांडुंग हाइस्पीड रेलवे प्रोजेक्ट में देरी की संभावना है, जो बीआरआइ का हिस्सा है। इस काम में जुटे 300 से अधिक श्रमिक चीन में अटके हुए हैं। मलेशिया में वुहान से 10.4 अरब डॉलर के ईस्ट कोस्ट रेल लिंक का निर्माण करने वाले 200 सैनिक चीन में फंसे हुए हैं। पाकिस्तान में बीआरआइ सहित बिजली व अन्य बड़ी परियोजना चल रही हैं। इसमें शामिल दो कंपनियों एनग्रो पॉलिमर एंड केमिकल व पाकिस्तान ऑक्सीजन ने कहा है कि चीन से मिल रही सुविधाओं में कटौती के कारण परियोजनाओं का काम ठप है। श्रीलंका में भी कामकाज बुरी तरह प्रभावित हुआ है। जहां चीनी निवेश से बड़े पैमाने पर पोर्ट सिटी कोलंबो का निर्माण किया जा रहा है। सीलोन चैंबर ऑफ कॉमर्स ने हाल ही बताया कि सर्वेक्षण में 100 में से लगभग आधी कंपनियों का कहना है कि कोरोनावायरस के प्रकोप से व्यापार प्रभावित हुआ है। चीनी कंस्ट्रक्शन इंडस्ट्री के महासचिव निसांका विजयरत्ने ने कहा, चीनी ठेकेदारों पर निर्भर सडक़ और अर्पाटमेंट निर्माण की परियोजनाएं धीमी पड़ गई हैं।
अलग-थलग होने के डर से कई देशों ने बताए गलत आंकड़े
शोध फर्म फिच सॉल्यूशंस का कहना है कि चीन अपने बीआरआइ भागीदारों पर राजनीतिक दबाव डालता है। कंबोडिया, लाओस, म्यामांर और पाकिस्तान जैसे देश चीन से अलग-थलग होने के डर से कोरोना के मामले छुपा रहे हैं और कम से कम मामलों की जानकारी दे रहे हैं, जो इन देशों में संक्रमण को कम करने की दिशा में बड़ी बाधा है। क्योंकि ये देश आर्थिक रूप से चीन पर काफी निर्भर हैं।
आगे क्या : चीन कम कर सकता है परियोजनाओं का आकार
अमरीकी इंटरप्राइज इंस्टीट्यूट में स्कॉलर डेरेक सीजर का कहना है कि आने वाले समय में चीन अपनी परियोजनाओं के विस्तार को कम करने पर विचार कर सकता है। वायरस के प्रकोप का विस्तार चीन के बीआरआइ प्रोजेक्ट की दिशा तय करेगा।