दरअसल, सीबीआई कार्मिक मंत्रालय के अधीन आता है। इस मंत्रालय के प्रभारी पीएम मोदी हैं। इसके बावजूद सीबीआई जैसी शीर्ष जांच एजेंसियों के सुपर बॉस के बीच का पॉवर फाइट उभरकर सामने आना सरकार और देश दोनों के लिए सही संकेत नहीं है। पिछले दो दिनों में इससे सरकार की छवि पर बट्टा लगा है। बताया जा रहा है कि हवाला और मनी लॉन्ड्रिंग कारोबारी मोइन कुरैशी को क्लीन चिट देने में कथित घूस लेने के आरोपों पर सीबीआई ने अपने ही स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना पर केस दर्ज किया। सीबीआई के निदेश आलोक वर्मा के आदेश पर केस दर्ज किया गया था। इसके बाद राकेश अस्थाना ने सीबीआई चीफ आलोक वर्मा पर भी दो करोड़ रुपए घूस लेने का आरोप लगा दिया। दोनों शीर्ष अफसरो के बीच जारी आरोप-प्रत्यारोप से सीबीआई की विश्वसनीयता पर उठते सवालों के बीच पीएम नरेंद्र मोदी के आदेश पर यह कार्रवाई हुई है।
आपको बता दें कि जब से गुजरात कैडर के अधिकारी राकेश अस्थाना की नियुक्त्िा सीबीआई में हुई तभी से सुपर बॉस को लेकर तकरार जारी है। इस बीच तकरार इतना बढ़ गया कि पीएम मोदी को भी बीच में दखल देना पड़ा है। दूसरी तरफ सीबीआई ने रिश्वतकांड के आरोपी DSP देवेंद्र कुमार को गिरफ्तार कर लिया है। DSP सीबीआई विशेष निदेशक राकेश अस्थाना की घूसखोरी के मामले में आरोपी हैं। सीबीआई निदेशक ने अपने ही विशेष निदेशक राकेश अस्थाना समेत कई लोगों के खिलाफ घूस लेने के आरोप में FIR दर्ज करा रखी है। इसके बाद उनके सहयोगी देवेंद्र कुमार की गिरफ्तारी हुई। उनके पास से आठ मोबाइल बरामद हुए। इस डीएसपी देवेंद्र को मंगलवार को अदालत से भी राहत नहीं मिली और उन्हें सात दिनों की रिमांड पर भेज दिया गया। दूसरी तरफ स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना ने कोर्ट में गिरफ्तारी पर रोक लगाने की मांग की। कोर्ट ने राहते देते हुए उनकी गिरफ्तारी पर 29 अक्टूबर तक के लिए रोक लगा दी है। इधर सरकार ने निदेशक आलोक वर्मा और विशेष निदेशक राकेश अस्थाना को फोर्स लीव पर भेज दिया है।