सीतामढ़ी (बिहार)। भगवान राम के खिलाफ दर्ज याचिका पर सुनवाई के बाद कोर्ट ने उसे तथ्यहीन बताकर खारिज कर दिया गया। कोर्ट ने याचिकाकर्ता से पूछा कि आखिर त्रेतायुग के इस मामले की गवाही कौन देगा। अदालत ने कहा कि अगर राम ने सीता को जंगल में भेजा तो अब इसकी सजा किसे दें। सीतामढ़ी मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत ने वकील चंदन सिंह की भगवान राम द्वारा मां जानकी के परित्याग के मामले में दंडित किए जाने के लिए दर्ज याचिका पर सुनवाई करते हुए पूछा कि आखिर त्रेता युग के मामले में गवाही कौन देगा और सजा किसे दी जाएगी। कोर्ट ने याचिकाकर्ता और वकील चंदन सिंह से यह भी पूछा कि आखिर त्रेता युग मेंघटित इस घटना को लेकर अदालत क्यों आए।
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