कोर्ट में सुनवाई के दौरान, जांच एजेंसी ने स्वीकार किया कि लेटर रोगेटरी (एलआर) को जारी कर दिया गया है और जवाब अभी भी लंबित है। सीबीआई की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) विक्रमजीत बनर्जी ने अदालत से कहा कि मामले में कुछ अन्य परिपेक्ष्यों से भी जांच लंबित है और इसलिए ज्यादा समय की जरूरत है। एजेंसी के दावों का विरोध करते हुए राकेश अस्थाना की ओर से पेश वरिष्ठ वकील दयान कृष्णन ने कहा कि शिकायतकर्ता में एक सतीश सना है, जिसे पहले ही उन्होंने गिरफ्तार कर लिया है। उससे एक बार मैंने पूछताछ की थी, अब केवल उसने शिकायत दर्ज कराई है।
उन्होंने कहा कि सीबीआई को 10 सप्ताह दिए गए थे, उसके बाद उन्हें फिर चार और महीने दिए गए और अब वे फिर से समय मांग रहे हैं। सीबीआई की याचिका के अनुसार, एजेंसी ने अदालत का रूख किया है क्योंकि विदेश में जांच से संबंधित कुछ मुद्दे अभी लंबित है। जांच एजेंसी ने जांच के लिए दी गई चार महीने की मोहलत खत्म होने के बाद अदालत का रुख किया। अस्थाना और देवेंद्र कुमार के खिलाफ सीबीआई कथित रूप से हैदराबाद के व्यापारी सतीश बाबू सना को क्लीन चिट दिए जाने के बदले घूस लेने के मामले की जांच कर रही है।