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पहले दलित का मुद्दा, अब बताया उम्र है कम, पढ़ें इस कपल की पूरी कहानी

परिवार वालों ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी को जांच के लिए प्रार्थना पत्र भी दिया।

भरतपुरApr 13, 2018 / 03:00 pm

Kiran Rautela

kashganj case
नई दिल्ली। यूपी में हाथरस के संजय और कासगंज के निजामपुर में रहने वाली शीतल की कहानी में आए दिन कई नए मोड़ देखने को मिल रहे हैं। अब एक और नया मामला सामने आया है। दरअसल, संजय और शीतल की शादी 20 अप्रैल को होनी निर्धारित थी लेकिन अब उन्होंने अपनी शादी की तारीख 2 महीने आगे बढ़ा दी है। इसकी वजह शीतल का नाबालिग होना बताया जा रहा है। बताया जा रहा है कि पिछले महीने ठाकुरों ने शीतल की उम्र पर सवाल उठाए थे, जिसमें कहा गया था कि शीतल अभी नाबालिग है तो इसकी शादी कैसे हो सकती है। वहीं अगर दस्तावेजों की मानें तो उनमें भी शीतल के बालिग होने में तीन माह कम हैं।
जांच के लिए परिवार वाले हुए थे सहमत

कुछ दिन पहले पूर्व प्रशासनिक एवं पुलिस अधिकारियों ने गांव के दोनों पक्षों के लोगों से बात करके शादी की तारीख तय कर दी थी। जिसके लिए शीतल की उम्र के मामले में चिकित्सीय जांच कराने पर उसके परिवार के लोग भी सहमत हुए थे।
परिवार वालों ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी को जांच के लिए प्रार्थना पत्र भी दिया। लेकिन जब शीतल परीक्षण के लिए अस्पताल पहुंची। उसके बाद शीतल के परिवार वालों ने भी परीक्षण कराने से मना कर दिया। अब ये बात फाइनल हुई है कि शीतल के बालिग होने पर ही जुलाई माह में शादी की जाएगी।
ये है पूरा मामला

बता दें कि संजय संजय गांव में ठाकुरों के इलाके से बारात निकालना चाहता था लेकिन उस गांव में आज तक किसी दलित की बारात ठाकुरों के इलाके से होकर नहीं निकली। इस बात को लेकर गांव के लोगों ने विरोध किया। मामले को लेकर संजय जाटव ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। लेकिन हाई कोर्ट ने उसकी अपील खारिज करते हुए पुलिस से ही मामले को निपटाने का आदेश दिया था। पुलिस ने ठाकुरों और दलितों में समझौता कराया और दलित को ठाकुरों के इलाके के कुछ हिस्से से बारात ले जाने की अनुमति दे दी गई।
परिवार की सहमति से ही तय होगी तारीख

हालांकि अभी शादी की तारीख तय नहीं की गई है। संजय ने बताया कि अब जुलाई में शादी की तिथि निर्धारित होगी। वहीं जिलाधिकारी आरपी सिंह ने कहा कि परिवार की सहमति के बाद ही शादी होगी और तारीख भी परिवार वाले ही तय करेंगे।

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