शादियों में मेहमानों की संख्या होगी सीमित!
मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में दिल्ली सरकार ने कहा कि वह ‘खर्चीली’ शादियों में मेहमानों की संख्या सीमित करने और ऐसे समारोहों में खाने की बर्बादी रोकने के लिए कैटरिंग सिस्टम को सही करने के लिए एक पॉलिसी बनाने पर विचार कर रही है। जस्टिस मदन. बी लोकूर की बेंच को दिल्ली के मुख्य सचिव विजय कुमार देव ने बताया कि कोर्ट के 5 दिसंबर के आदेश में उठाए गए इस मुद्दे पर चर्चा की गई है। इस आदेश में कोर्ट ने शादी समारोहों में खाने की और पानी की बर्बादी पर चिंता व्यक्त की थी।
एलजी और दिल्ली सरकार के बीच बनी सहमति!
कोर्ट में मौजूद विजय कुमार देव ने कहा कि सरकार कोर्ट के आदेश की दिशा में ही काम कर रही है। दिल्ली सरकार ने इस मामले में एलजी से चर्चा की है और ऐसा लगता है कि एलजी के साथ इस विषय पर सहमति है।
दूसरी नीति पर भी हो रहा है विचार
देव ने कहा कि शादियों में एक तरफ हम मेहमानों को सीमित करने पर विचार कर रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ फूड सेफ्टी ऐंड स्टैंडर्ड ऐक्ट के तहत कैटरर और बेसहारा लोगों को खाना उपलब्ध कराने वाले एनजीओ के बीच एक व्यवस्था बनाई जाए इस पर विचार कर रहे हैं।
दिल्ली सरकार ने मांगा है 8 हफ्ते का समय
मुख्य सचिव ने कहा कि अभी दिल्ली में शादी विवाह समारोहों में बचा हुआ खाना बर्बाद हो जाता है या फिर बचा हुआ खाना केटरर बाद में होने वाले शादी समारोहों में इस्तेमाल करते हैं। बेंच ने देव से कहा कि पहले इस मामले में एक पॉलिसी तैयार की जाए उसके बाद दूसरा बड़ा कदम ठीक से इस पर अमल करना होगा। दिल्ली सरकार के वकील ने इस पॉलिसी को तैयार करने के लिए 8 सप्ताह का समय मांगा है।