Electric Vehicles को बढ़ाने पर फोकस, दिल्ली सरकार दे रही 1.50 लाख तक का कैश इंसेटिव
- वायु प्रदूषण से जूझ रही राजधानी इलेक्ट्रिक व्हीकल्स ( Delhi Electric Vehicle Policy ) पर कर रही फोकस।
- दिल्ली सरकार ने डेढ़ लाख तक कैश इंसेटिव, सबसे कम चार्जिंग फीस ऑफर की।
- इलेक्ट्रिक व्हीकल्स की खरीद पर रजिस्ट्रेशन फीस और रोड टैक्स भी नहीं देना होगा।

नई दिल्ली। वायु प्रदूषण से जूझ रही दिल्ली इलेक्ट्रिक वाहनों ( Delhi Electric Vehicle Policy ) पर ध्यान केंद्रित करने में जुटी है। इसके लिए दिल्ली सरकार ने योजना बनाई है कि राजधानी में इलेक्ट्रिक वाहनों का पंजीकरण कराने वाले व्यक्तियों को डेढ़ लाख रुपये तक का कैश इंसेटिव दिया जाएगा।
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दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने बताया कि राजधानी में रजिस्टर्ड कुल 1.10 लाख से ज्यादा वाहनों में से करीब 83,000 इलेक्ट्रिक वाहन हैं और इनमें सर्वाधिक संख्या ई-रिक्शा की है। सरकार का लक्ष्य है कि आने वाले पांच वर्षों में राजधानी में कम से कम 5 लाख इलेक्ट्रिक वाहन को रजिस्टर किया जाए। सरकार इसके चलते लोगों को इलेक्ट्रॉनिक व्हीकल्स खरीदने के लिए प्रेरित करेगी।
उन्होंने बताया कि फिलहाल राजधानी में करीब 900 निजी इलेक्ट्रिक कारें हैं, जबकि इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर्स की संख्या करीब 3,700 है। अप्रैल से सितंबर 2020 तक दिल्ली में 2629 इलेक्ट्रिक वाहनों का रजिस्ट्रेशन हुआ है। इनमें 297 दुपहिया वाहन, 67 कैब और 80 इलेक्ट्रिक कारें भी शामिल हैं। इन वाहनों की खरीदारी बिना सब्सिडी लिए ही की गई है।
We understand how crucial expansion of charging infrastructure is, in successful implementation of EV policy.
— Kailash Gahlot (@kgahlot) October 26, 2020
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पब्लिक चार्जिंग स्टेशन
दिल्ली सरकार जहां इलेक्ट्रिक व्हीकल की खरीद को बढ़ावा देने के लिए एक ओर सब्सिडी दे रही है, वहीं दूसरी ओर आधुनिक सुविधाओं से लैस पब्लिक चार्जिंग स्टेशन भी स्थापित किए जा रहे हैं। इन चार्जिंग स्टेशनों में एक साथ चार इलेक्ट्रिक व्हीकल्स को 45 से लेकर 90 मिनट तक चार्ज किया जा सकता है। इन स्टेशनों में एसयूवी, महिंद्रा, हुंडई, कोना आदि वाहनों को भी चार्ज किया जा सकता है।
सेंट्रलाइज्ड बिडिंग सिस्टम से आवंटन
गहलोत ने सोमवार को आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, "इलेक्ट्रिक वाहन के चार्जिंग स्टेशनों को स्थापित करने के लिए इनके संचालन, रख-रखाव और अपग्रेड करने के लिए पावर ऑपरेटर्स को नियुक्त किया जाना है। इस प्रक्रिया के लिए एक सेंट्रलाइज्ड बिडिंग सिस्टम को अपनाया जाएगा। पब्लिक इलेक्ट्रिक व्हीकल चार्जिंग स्टेशनों को स्थापित करने के लिए भूमि प्रदाता एजेंसियों को भूमि प्रदान करनी होगी।
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सबसे कम चार्जिंग फीस
ईवी चार्जिंग का शुरुआती शुल्क सीमित अवधि के लिए 10.50 रुपये प्रति यूनिट रखा जाएगा। यह मौजूदा ऑपरेटिंग ईवी पब्लिक चार्जिग टैरिफ में से सबसे कम है। अगले एक वर्ष के भीतर राजधानी के तमाम इलाकों में 200 चार्जिंग स्टेशन स्थापित किए जाएंगे।
कैश इंसेटिव
इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए सरकार दुपहिया, ऑटो रिक्शा, ई-रिक्शा व माल वाहक वाहनों की खरीदारी पर 30 हजार रुपये का कैश इंसेटिव देगी। जबकि इलेक्ट्रिक कार पर 1.50 लाख रुपये तक कैश इंसेंटिव दिया जाएगा। इतना ही नहीं दिल्ली में इलेक्ट्रॉनिक व्हीकल्स पर रजिस्ट्रेशन फीस व रोड टैक्स भी नहीं देना पड़ेगा।
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