जरूरी खबरः अगर दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण के बीच रहते हैं.. तो रोजाना जरूर करें यह 5 काम दिल्ली हाई कोर्ट में न्यायमूर्ति जीएस सिस्तानी और न्यायमूर्ति अनूप जयराम भंभानी की खंडपीठ ने कहा कि यह समस्या वायु प्रदूषण के स्तर को नीच लाने के लिए अपनाए जाने वाले उपायों को लागू करने में संबंधित विभागों द्वारा इच्छाशक्ति की कमी में ही है।
इसके साथ ही खंडपीठ ने कई उपाय सुझाए और कहा कि अक्टूबर से लेकर जनवरी माह तक कोई भी नया ढांचा नष्ट नहीं किया जाएगा। अदालत ने विभागों से यह भी कहा कि यह भी सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाएं कि कहीं भी निर्माण सामग्री खुली न रहे।
ब्रेकिंगः विक्रम लैंडर को लेकर हुआ बड़ा खुलासा… चंद्रयान-3 में ऐसा नहीं करेगा इसरो… शुरू कर दी तैयारी.. शहर में यातायात की व्यवस्था को सुचारू ढंग से चलाने के लिए अदालत ने नई दिल्ली म्यूनिसिपल कॉरपोरेशन (एनडीएमसी) और अन्य नगर निगमों से कहा कि सड़कों पर अतिक्रमण से निपटने के लिए जरूरी कदम उठाएं।
ऐसा देखा गया है कि अगर पुराने आदेश माने जाते तो जो प्रदूषण का स्तर आज है, नहीं होता। खंडपीठ ने आगे कहा, “अगर हमें दिल्ली को प्रदूषण-मुक्त बनाना है तो नागरिकों समेत इससे जुड़े सभी लोगों को आगे बढ़कर भूमिका निभानी होगी।” अब इस मामले की अगली सुनवाई 2 दिसंबर को होगी।