केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रक बोर्ड (सीपीसीबी) के निगरानी केंद्र के आंकड़ों के मुताबिक, फरीदाबाद में सुबह 10 बजे पीएम2.5 का स्तर 1,515 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर पाया गया, जो शाम तीन बजे गिरकर 1,295 और छह बजे 1,290 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर हो गया। वही, दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) शून्य से 500 के पैमाने पर 366 दर्ज किया गया, जिसे बहुत खराब माना जाता है। वहीं गाजियाबाद में 415 और गुरुग्राम 403 दर्ज किया गया, जिसे अत्यंत खराब माना जाता है।
सीपीसीबी के मुताबिक, खराब एक्यूआई स्वस्थ लोगों को तो प्रभावित करेगा ही साथ-साथ बीमारी से पीड़ित लोगों पर ज्यादा प्रभाव डालेगा। अत्यंत खराब एक्यूआई लंबे समय तक संपर्क में रहने पर स्वस्थ लोगों को प्रभावित करता है। हवा में सूक्ष्म प्रदूषकों में से एक पीएम2.5 की अनुमत सीमा राष्ट्रीय मानक के मुताबिक 60 यूनिट और अंतर्राष्ट्रीय मानक के मुताबिक 25 यूनिट होनी चाहिए।अधिकारियों को हालांकि विश्वास है कि सुबह के दौरान लिए गए आंकड़ों में किसी प्रकार की तकनीकी खराबी हो सकती है।
हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के एक अधिकारी ने बताया, ‘फरीदाबाद में केवल एक निगरानी केंद्र है और यहां दिल्ली जितना प्रदूषित नहीं है। अचानक हुई बढ़ोत्तरी गलत हो सकती है। 1,515 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर बहुत ज्यादा है।’इस बीच दिल्ली के 36 में से 16 इलाकों में रविवार सुबह से शाम तीन बजे तक लगातार वायु गुणवत्ता अति खराब या अत्यंत खराब पाई गई।
दिल्ली में द्वारका, आनंद विहार, रोहिणी, मुंडका, बवाना, मथुरा रोड, दिल्ली टेक्निकल विश्वविद्यालय, जहांगीरपुरी, नरेला, नेहरू नगर, दिल्ली विश्वविद्यालय नॉर्थ कैंपस, पंजाबी बाग, आर.के. पुरम, सोनिया विहार, विवेक विहार और वजीरपुर सबसे प्रदूषित इलाके हैं।सीपीसीबी के मुताबिक, दिवाली तक हालात ऐसे ही बने रहेंगे और उसके बाद प्रदूषण और खराब होता सकता है।