हिंसा और आगजनी के मुद्दे पर मुख्यमंत्री ने मंगलवार सुबह अपने आवास पर एक विशेष बैठक बुलाई, जिसमें हिंसाग्रस्त क्षेत्रों के सभी विधायक, दिल्ली के मुख्य सचिव व कई वरिष्ठ आईएएस अधिकारी शामिल हुए। बैठक के बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव दिल्ली पुलिस आयुक्त से बात कर हिंसाग्रस्त इलाकों में पुलिस संख्या बढ़ाने को कहेंगे। साथ ही पुलिस आयुक्त से कहा जाएगा कि हिंसाग्रस्त इलाकों में तैनात पुलिसकर्मियों को शांति बहाली के लिए कार्रवाई का अधिकार दिया जाए।
केजरीवाल ने कहा कि हिंसा की मौजूदा स्थिति में मंदिर और मस्जिदों से सभी लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की जाए। उन्होंने कहा कि हमने स्थानीय स्तर पर अमन कमेटी की बैठक करने को कहा है, जिसमें सभी धर्मो के लोग और स्थानीय विधायक शामिल हों। दिल्ली सीएम ने कहा कि हिंसा किसी समस्या का समाधान नहीं है, न इस तरफ का और न ही उस तरफ का। उत्तरी-पूर्वी दिल्ली के हालात सभी दिल्लीवासियों के लिए चिंता का विषय हैं। आपस में बैठकर सभी मसलों का हल हो सकता है। गौरतलब है कि उत्तरी-पूर्वी दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में सोमवार दोपहर से ही हिंसा और आगजनी की वारदातें हो रही हैं। उत्तरी-पूर्वी दिल्ली में मंगलवार सुबह भी हिंसा और पत्थरबाजी की कई छिटपुट वारदातें होती रहीं। मौजपुर, बाबरपुर, जाफराबाद, गोकुलपुरी, बृजपुरी आदि इलाकों में हिंसा में अब तक एक पुलिसकर्मी समेत नौ लोगों की मौत हो चुकी है। उपद्रवियों ने यहां सोमवार को एक पेट्रोल पंप, टायर मार्केट, मिनी बस और पुलिस वाहनों समेत कई गाड़ियों को जला दिया।
मंगलवार को यहां पुलिस और रैपिड एक्शन फोर्स की तैनाती की गई है। बावजूद इसके इन क्षेत्रों के कई अंदरूनी इलाकों में आपसी भिड़ंत और एक-दूसरे पर पत्थरबाजी की वारदातें अभी भी जारी हैं। स्थानीय लोगों के मुताबिक, उपद्रवी भीड़ ने यहां कई दुपहिया वाहनों को भी आग लगाने की कोशिश की है।