scriptएक ऐसा शिव मंदिर, जहां भगवान को नहीं पूजा जाता…पूजा करने पर मिलता है श्राप | do not worship in the mysterious shiva temple at pithoragarh | Patrika News
विविध भारत

एक ऐसा शिव मंदिर, जहां भगवान को नहीं पूजा जाता…पूजा करने पर मिलता है श्राप

क्या आपको पता है कि भारत में एक ऐसा मंदिर है जहाँ भक्त तो आते हैं लेकिन पूजा नहीं करते क्योंकि यहां पूजा करने पर श्राप मिलता है।

Nov 11, 2017 / 03:06 pm

राहुल

mysterious temple
पिथौरागढ़: मंदिर, एक ऐसी जगह जिसे आस्था का प्रतीक माना जाता है। कहा जाता है मंदिर में जाकर प्रार्थना, पूजा-अर्चना करने के मन मांगी मुराद पूरी हो जाती है। हम भी इसी विश्वास से मंदिर जाते हैं ताकि हमारी जो भी मन्नतें हैं जो भी सुख या दुख हैं उनमें भगवान का आशीर्वाद लिया जाए। लेकिन क्या आपको पता है कि भारत में एक ऐसा मंदिर है जहाँ भक्त तो आते हैं लेकिन पूजा नहीं करते क्योंकि यहां पूजा करने पर श्राप मिलता है।
यह मंदिर भगवान शिव का है। कहा जाता है कि इसी वजह से इस मंदिर में सदियों से पूजा नहीं की गई। हालांकि यहाँ भक्तों की लंबी लाइन लगी रहती है, जो सिर्फ यहाँ भगवान शिव के दर्शन के लिए आते हैं।
देवभूमि के नाम से मशहूर उत्तराखंड के पिथौरागढ़ के बल्तिर गांव में स्थित यह मंदिर स्थापत्य कला भी वजह से भी जाना जाता है। बल्तिर गांव पिथौरागढ़ से अक्रिब 6 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। एक बड़ी वजह के कारण इस मंदिर को हथिया देवाल के नाम से भी जाना जाता है।
हथिया देवालय नाम की पहचान के पीछे एक बहुत पुरानी कहानी प्रचलित है. बताया जाता है कि एक समय में यहां कत्यूरी नाम के राजा का शासन हुआ करता था। यह राजा स्थापत्य कला को बेहद महत्व देता था। इसी राजा ने अपने रजवाड़े में में इस मंदिर को बनवाया था। कहा जाता है कि इस मंदिर को बनाने वाला कारीगर का सिर्फ एक ही हाथ था लेकिन वो एक कुशल कारीगर था।
प्रचलित है कि जब यह कारीगर मंदिर के लिए मूर्तियाँ बना रहा था तब उसे देख वहां मौजूद लोग उसकी हंसी उड़ा रहे थे कि एक हाथ से यह कारीगर मंदिर कैसे बनाएगा। इतना सब देखकर उसने यह प्रतिज्ञा ली कि वह एक हाथ से ही पूरा मंदिर बनाएगा। मंदिर बनाने की प्रतिज्ञा उस कारीगर में इस तरह प्रवेश कर गई कि उसने एक ही रात में एक बड़ी चट्टान को काट कर वहां मंदिर बना दिया, इस दौरान उसने वहां एक शिवलिंग का निर्माण भी किया लेकिन उस शिवलिंग में प्राण प्रतिष्ठित नहीं किये गये। इसलिए लोगों ने इस मंदिर में बने शिवलिंग की पूजा नहीं की।
धीरे-धीरे लोगों की यह धारणा, परम्परा बन गई और लोगों के अंदर यह मान्यता घर कर गई कि अगर कोई इंसान इस शिव मंदिर में पूजा करता है तो भगवान शिव उसे श्राप दे देंगे।

Home / Miscellenous India / एक ऐसा शिव मंदिर, जहां भगवान को नहीं पूजा जाता…पूजा करने पर मिलता है श्राप

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो