scriptEx CJI गोगोई को लेकर जस्टिस लोकुर का बयान- फैसला इतनी जल्दी आया, क्या आखिरी किला भी ढह गया | Ex CJI Gogoi's statement about Justice Lokur verdict came so soon did Akhila Fort also collapse | Patrika News
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Ex CJI गोगोई को लेकर जस्टिस लोकुर का बयान- फैसला इतनी जल्दी आया, क्या आखिरी किला भी ढह गया

यशवंत सिन्हा बाेले- न्यायपालिका की छवि को लगेगा झटका
राज्यसभा के लिए उनका नामांकन आश्चर्यजनक नहीं
भारतीय न्यायपालिका संकट का सामना कर रही है

नई दिल्लीMar 17, 2020 / 03:29 pm

Dhirendra

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नई दिल्ली। राष्ट्रपति रामनाथ काेविंद ( President Ramnath Kovind ) द्वारा देश के पूर्व सीजेआई रंजन गोगोई ( Ex CJI Ranjan Gogoi ) को राज्यसभा ( Rajya Sabha ) में मनोनीत करना अब विवाद का विषय बन गया है। गोगोई के मनोनयन पर उनके सहयोगी जस्टिस मदन बी लोकुर ( Retired Justice Madan B Lokur ) ने तीखी प्रतिक्रिया दी है।
रिटायर्ड जस्टिस मदन बी लोकुर ने इस मुद्दे पर मीडिया से बातचीत में कहा है कि कुछ समय से अटकलें लगाई जा रही थीं कि जस्टिस गोगोई को क्या सम्मान मिलेगा। इसलिए राज्यसभा के लिए उनका नामांकन आश्चर्यजनक नहीं है, लेकिन जो आश्चर्य की बात है, वह यह है कि यह फैसला इतनी जल्दी आ गया। यह न्यायपालिका ( Judiciary ) की स्वतंत्रता, निष्पक्षता और अखंडता को फिर से परिभाषित करता है। उनके मनोनयन पर उन्होंने पूछा है कि क्या आखिरी किला भी ढह गया है?
बता दें कि जनवरी, 2018 में सुप्रीम कोर्ट ( Supreme Court ) के सबसे वरिष्ठ जजों जस्टिस गोगोई, जस्टिस लोकुर, जस्टिस जे चेलमेश्वर और जस्टिस कुरियन जोसेफ ने एक अभूतपूर्व कदम उठाते हुए तत्कालीन सीजेआई दीपक मिश्रा ( Ex CJI Deepak Mishra ) के खिलाफ मोर्चा एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर उनके आचरण पर सवाल उठाए थे। इन जजों ने महत्वपूर्ण मुकदमों के आवंटन को लेकर आपत्ति जताई थी। जस्टिस गोगोई ने ऐसा कर तब अन्य जजों को आश्चर्यचकित किया था क्योंकि तब वो सीजेआई बनने की कतार में थे। प्रेस कॉन्फ्रेन्स के दौरान चारों जजों ने तब एक पत्र भी सार्वजनिक किया था जिसे उन लोगों ने तत्कालीन ब्श्रप् को लिखा था। उस प्रेस कॉन्फ्रेंस ने उन सवालों को उठाया था जो सरकार और मुख्य न्यायाधीश के कार्यालय के बीच के रिश्ते को उजागर कर रहे थे।
हालांकि प्रेस कॉन्फ्रेंस करने वाले और जस्टिस गोगोई के साथ गुवाहाटी में काम करने वाले दूसरे जज रिटायर्ड जस्टिस जे चेलमेश्वर ने पूर्व सीजेआई के राज्यसभा नामांकन पर कोई प्रतिक्रिया देने से इनकार कर दिया। चाैथे रिटायर्ड जज कूरियन जोसेफ से संपर्क नहीं हो सका। यहां पर इस बात का भी जिक्र कर दूं कि पद पर रहते हुए ही पूर्व जस्टिस जोसेफ और जस्टिस चेलमेश्वर ( Retired Justice Chelmeshwar ) ने कहा था कि सेवानिवृत्ति के बाद वे सरकार द्वारा दिए गए किसी भी पद को स्वीकार नहीं करेंगे।
अटल बिहारी वाजपेयी के मंत्रिमंडल में मंत्री रहे यशवंत सिन्हा ( Yashwant Sinha ) ने कहा है कि पूर्व सीजेआई रंजन गोगई अगर राज्यसभा सीट का ऑफर स्वीकार कर लेंगे तो वह न्यायपालिका की छवि को बड़ा झटका देंगे। यह नुकसान इतना अधिक होगा कि उसका आकलन भी नहीं किया जा सकेगा। सिन्हा ने ट्वीट कर कहा कि मुझे उम्मीद है कि पूर्व सीजेआई रंजन गोगई राज्यसभा सीट की पेशकश को न कहने की समझ रखते हैं। अन्यथा वह ज्यूडिश्यरी की छवि को बेहिसाब नुकसान पहुंचाएंगे।
वहीं कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ( Congress Spokesperson Randeep Surjewala ) ट्वीट में दो खबरें शेयर करते हुए लिखा कि तस्वीर सब कुछ बयां करती है। ट्वीट के पहले फोटो में जस्टिस गोगोई को राज्यसभा ऑफर से जुड़ा आर्टिकल था, जबकि दूसरी खबर में हेडिंग थी। उन्होंने मोदी सरकार पर सवालिया निशान उठाते हुए कहा कि भारतीय न्यायपालिका ऐसे संकट का सामना कर रही है जिसके तहत लोगों में उसके प्रति विश्वास की कमी है।

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