गुप्ता के अलावा मध्य प्रदेश स्थित कंपनी कमल स्पॉन्ज के निदेशक पवन अहलूवालिया और वरिष्ठ अधिकारी अमित गोयल इस मामले में मुकदमे का सामना कर रहे हैं। अदालत इससे पहले इस मामले में सीबीआई की क्लोजर रपट को खारिज कर चुकी है।
सीबीआई ने प्राथमिकी दर्ज कराई थी कि कंपनी और कुछ अन्य ने तथ्यों को गलत तरीके से पेश कर कोयला ब्लॉक पाने की कोशिश की थी। बाद में सीबीआई ने मामले को बंद करने की रपट दी। उसने कहा कि कंपनी और इसके निदेशक के खिलाफ पर्याप्त सबूत नहीं हैं। लेकिन, कोर्ट ने इस रपट को खारिज कर दिया था।