प्रदूषण जांच की बढ़ी समस्या
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रक बोर्ड (सीपीसीबी) के सदस्य सचिव प्रशांत गार्गव ने कहा, “यह एक तकनीकी खराबी हो सकती है, प्रदूषक असामान्य रूप से इतना अधिक नहीं हो सकता। पीएम 2.5 की 1.515 यूनिट बहुत ज्यादा है। हम मामले की जांच कर रहे हैं।” रविवार को राष्ट्रीय राजधानी की हवा में जहर घुलना जारी रहा, क्योंकि वायु गुणवत्ता बहुत खराब बनी हुई है। दिल्ली के 36 इलाकों में दोपहर एक बजे तक औसत पीएम2.5 223 यूनिट था।
हरियाणा सरकार ने ठहराया जिम्मेदार
गौरतलब है कि पिछले दिनों हरियाणा सरकार ने खराब हवा के लिए दिल्ली सरकार को जिम्मेदार ठहराया था। मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने शनिवार को पराली-दहन को लेकर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार पराली दहन रोकने में विफल रही है, क्योंकि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में पराली-दहन में 50 फीसदी का इजाफा हुआ है।
दिल्ली सरकार प्रदूषण रोकने में नाकामयाब
खट्टर ने कहा कि हरियाणा सरकार ने पराली-दहन रोकने के लिए संतोषजनक प्रयास किया है, लेकिन ‘आप’ सरकार पराली-दहन रोकने में नाकाम रही है। उन्होंने कहा, “पंजाब और हरियाणा में पराली-दहन में पिछले साल के मुकाबले 40 फीसदी की कमी आई है, लेकिन दिल्ली में इसमें 50 फीसदी की वृद्धि हुई है, जहां महज 7,600 हेक्टेयर कृषि भूमि है।”