scriptखुशखबरी: रेहड़ी-पटरी वालों को कोरोना के बाद फिर से कारोबार शुरू करने के लिए सरकार दे रही 10 हजार तक कर्ज | Government will give loans up to 10 thousand to street vendors | Patrika News
नई दिल्ली

खुशखबरी: रेहड़ी-पटरी वालों को कोरोना के बाद फिर से कारोबार शुरू करने के लिए सरकार दे रही 10 हजार तक कर्ज

Highlights.

स्वनिधि के तहत कर्ज लेने वालों को दूसरी योजनाओं के फायदे भी दिए जाएंगे
इस योजना में अब तक 25 लाख लोग आवेदन कर चुके हैं, जिसमें 6 लाख लोगों को कर्ज मिल चुका है
योजना के तहत कर्ज हासिल करने वाले का स्पेशल डाटा तैयार हो रहा, यह भी सुनिश्चित होगा कि इन्हें दूसरी सरकारी योजनाओं का लाभ मिले

नई दिल्लीNov 01, 2020 / 08:23 am

Ashutosh Pathak

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नई दिल्ली।

खोमचे, ठेले और फुटपाथ पर सामान बेचने वालों को कोरोना के बाद फिर से कारोबार शुरू करने के लिए 10 हजार रुपये तक का कर्ज देने की योजना ‘स्वनिधि’ के लाभार्थियों को अब दूसरे फायदे पहुंचाने के लिए भी सरकार सक्रिय हो गई है। इस योजना के तहत अब तक 25 लाख से ज्यादा लोग आवेदन कर चुके हैं और लगभग 6 लाख लाभार्थियों को कर्ज की रकमजारी भी हो चुकी है।
इस योजना के तहत बैंक लोन हासिल करने वालों का अब एक स्पेशल डेटा बैंक तैयार किया जाएगा और यह सुनिश्चित करवाने की कोशिश होगी कि इन्हें दूसरी सभी सरकारी योजनाओं का भी लाभ मिल सके। इसके लिए स्थानीय प्रशासन और स्थानीय निकायों को जिम्मेवारी दी जाएगी कि वह जांच करे कि ये किन योजनाओं के हकदार हैं और उसके बाद उन योजनाओं का लाभ इन तक पहुंचाया जाए।
अधिकांश खोमचे वालों का पहले से रजिस्ट्रेशन नहीं

ऐसा इसलिए किया जा रहा है, क्योंकि देखा गया है कि अधिकांश लाभार्थी अब तक खोमचे वाले के तौर पर रजिस्टर ही नहीं हैं। वर्ष 2014 के कानून के तहत राज्य सरकारों और स्थानीय निकायों को ऐसे सभी लोगों का रजिस्ट्रेशन कर उन्हें लाइसेंस जारी करना चाहिए, लेकिन जिन 6 लाख लोगों को लोन जारी हुआ है, उनमें से 5.37 लाख ऐसे हैं, जिनका ब्योरा नगर निगमों ने दर्ज नहीं किया है। देशभर में लगभग 1 करोड़ लोग रेहड़ी-पटरी पर समान बेचते हैं। इनमें से 35-40 फीसदी सब्जी और फल विक्रेता हैं।
होम डिलीवरी में भी सहयोग

इनके रोजगार में मदद के लिए डिजिटल साधनों की भी मदद उपलब्ध करवाई जा रही है। पायलट योजना के तौर पर कुछ शहरों में घरों तक खाने-पीने के सामान पहुंचाने वाले फूड डिलीवरी एग्रीगेटर के साथ भी साझेदारी की गई है, ताकि खोमचेवालों के सामानों की भी घरों पर डिलीवरी हो सके। इन जगहों पर एग्रीगेट खोमचे वालों के जीएसटी और एफएसएसएआइ आदि रजिस्ट्रेशन आदि में मदद कर रहे हैं। अगले महीने इसे 125 शहरों में शुरू किया जाएगा।
बैंक कर्ज आगे भी मिल सके

उन्हें डिजिटल बैंकिंग में सक्षम बनाने और भविष्य के लिए बैंकिंग सेवा का बेहतर उपयोग करने लायक बनाने पर भी जोर दिया जा रहा है। अगर कोई लाभार्थी डिजिटल रूप से अपने खाते में रकम लेता है तो उसे 200 रुपये का कैशबैक भी दिया जा रहा है। इससे बैंक को उसके क्रेडिट स्कोर पर नजर रखने में आसानी होगी और साथ ही उन्हें योजना के अलावा भी कर्ज मिल सकेगा।
स्टांप ड्यूटी में राहत

राज्यों को खोमचे वालों के लोन पर स्टांप ड्यूटी और दूसरी जरूरतों को भी माफ करने को कहा गया है। राजस्थान और मध्य प्रदेश सहित कई राज्यों ने इनके लिए स्टांप ड्यूटी को समाप्त भी कर दिया है। पिछले हप्ते पीएम मोदी ने उत्तर प्रदेश में इस योजना के तहत लाभ हासिल करने वालों के साथ ऑनलाइन बातचीत की थी।
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