सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को मिलेगा फायदा
बता दें कि इस शैक्षणिक रियारत के तहत भारत सरकार द्वारा अधिग्रहित स्कूलों, सरकारी स्कूलों, सरकारी मदद से चलने वाले स्कूलों, शैक्षणिक संस्थाएं, मिलिट्री स्कूल, सैनिक स्कूल, और अन्य स्कूल या कॉलेज जो केंद्र या राज्य सरकार द्वारा वित्त पोषित किया जाता हो, शामिल किया गया है। साथ हीं ऐसी स्वतंत्र शैक्षणिक संस्थाएं जो सरकार द्वारा वित्त पोषित किया जा रहा हो।
बता दें कि इससे पहले चीफ ऑफ स्टाफ कमेटी, जिसमें सेना, भारतीय वायु सेना और नेवी के प्रमुख शामिल थे, ने रक्षा मंत्रालय को लिखे एक पत्र में सैनिकों के बच्चों को दी जाने वाली शैक्षणिक रियायत के निर्णय को संशोधित करने की मांग की थी, ताकि 10 हजार रुपये की सीमा समाप्त हो।
आपको बता दें कि बांग्लादेश को आजाद कराने के लिए 1971 के युद्ध में शहीद हुए सैनिकों और विकलांग सैनिकों के बच्चों के लिए ट्यूशन फीस के साथ अन्य तरह के फीस की पूर्ण व्यवस्था की गई थी। इसके बाद ऑपरेशन मेघदूत (सियाचिन-साल्टोरो रिज) और ऑपरेशन पवन (श्रीलंका में आईपीकेएफ) में मारे गए सैनिकों तथा विकलांग अधिकारियों के बच्चों के लिए भी बढ़ाया गया।