माना जा रहा है कि इस बैठक में महाकुंभ के समापन का एलान किया जा सकता है। यानी हरिद्वार में चल रहे कुंभ को सरकार समय से पहले ही समाप्त करने की घोषणा कर सकती है। दरअसल निरंजनी अखाड़ा पहले ही कुंभ के समापन की घोषणा कर चुका है। अखाड़े के कई संत कोरोना पॉजिटिव आए हैं।
यह भी पढ़ेंः
कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच Delhi में 16 अप्रैल से Weekend Curfew, 24 घंटे में हुई इतनी मौत हरिद्वार में चल रहे कुंभ मेले के समापन को लेकर शुक्रवार को बड़ा ऐलान हो सकता है। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने शुक्रवार को अहम बैठक बुलाई है। इस बैठक में कोरोना पर अब तक की स्थिति की समीक्षा की जाएगी, साथ ही कुंभ के समापन को लेकर भी बड़ा फैसला लिया जा सकता है।
दरअसल सरकार की ओर से कुंभ की अविध एक से 30 अप्रैल की गई है। लेकिन बढ़ते कोरोना के बाद इसे समय से पहले समाप्त किया जा सकता है। सीएम ने कोरोना प्रबंधन से संबंधित सभी विभागों की बैठक बुलाई है। हालिया कुछ दिनों से कोरोना संक्रमण की दर में जिस प्रकार इजाफा हुआ है, उससे सरकार काफी गंभीर है।
हरिद्वार में चल रहे कुंभ को लेकर निरंजनी अखाड़े ने फैसला लेते हुए 17 अप्रैल को कुंभ मेला खत्म करने का निर्णय लिया है। चिंता की बात है कि 30 साधुओं की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई है।
निरंजनी अखाड़े के अलावा आनंद अखाड़े ने भी 17 अप्रैल को कुंभ छोड़ने का ऐलान किया है। इसका कारण अखाड़ों के साधु संतों में कोरोना के लक्षण और कुछ के कोरोना पॉजिटिव पाए जाने को बताया जा रहा है।
आपको बता दें कि 15 अप्रैल को उत्तराखंड में एक दिन 2,220 नए कोरोना के मामले में मिले हैं। ये राज्य में कोरोना आउटब्रेक के बाद का अब तक का एक दिन में आया सबसे बड़ा आंकड़ा है।
यह भी पढ़ेंः
केंद्रीय मंत्री Nitin Gadkari ने कहा- कोरोना की दूसर लहर में भी MSME मजबूती से आगे बढ़ेगा हरिद्वार के मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. एसके झा ने पुष्टि करते हुए कहा कि साधुओं की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद स्वास्थ्य विभाग की टीमें अखाड़ों में जाकर साधुओं की कोरोना कर रही है।
हरिद्वार के जिन लोगों की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई हैं उन्हें होम क्वारंटाइन किया गया है, जबकि बाहरी लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है।