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Hepatitis C व HIV की दवा से होगा Coronavirus का इलाज, वैज्ञानिकों ने किया दावा, ट्रायल शुरू

Highlights
-जामिया मिलिया इस्लामिया के सेंटर फार इंटर-डिसिप्लिनरी रिसर्च इन बेसिक साइंसेज (सीआईआरबीएससी) (Center for Inter-Discipline Research in Basic Sciences of Jamia Millia Islamia) के वैज्ञानिकों (Scientists) को कोविड-19 वायरस की दवा खोजने के शोध पर सफलता मिली है
-वैज्ञानिकों का दावा है कि हेपेटाइटिस सी (Hepatitis C) और एचआईवी (HIV infection) के संक्रमण का रोकने वाली दवाइयां कोरोना का संक्रमण रोकने में मददगार साबित हो सकती हैं

नई दिल्लीMay 28, 2020 / 10:35 am

Ruchi Sharma

Hepatitis C व HIV की दवा से होगा Coronavirus का इलाज, वैज्ञानिकों ने किया दावा, ट्रायल शुरू

Hepatitis C व HIV की दवा से होगा Coronavirus का इलाज, वैज्ञानिकों ने किया दावा, ट्रायल शुरू

नई दिल्ली. कोरोना वायरस (Coronavirus In India) का कहर लगातार जारी है। इस महामारी ( coronavirus s Outbreak) के फैलने का सबसे बड़ा कारण ये है कि अब तक इसकी दवा इजाद नहीं हो सकी है। दुनिया भर में मेडिसिन क्षेत्र के वैज्ञानिक इसकी कारगर दवाई बनाने में जुटे हुए हैं। इस बीच जामिया मिलिया इस्लामिया के सेंटर फार इंटर-डिसिप्लिनरी रिसर्च इन बेसिक साइंसेज (सीआईआरबीएससी) (Center for Inter-Discipline Research in Basic Sciences of Jamia Millia Islamia) के वैज्ञानिकों (Scientists) को कोविड-19 वायरस की दवा खोजने के शोध पर सफलता मिली है। वैज्ञानिकों का दावा है कि हेपेटाइटिस सी (Hepatitis C) और एचआईवी (HIV infection) के संक्रमण का रोकने वाली दवाइयां कोरोना का संक्रमण रोकने में मददगार साबित हो सकती हैं।
दोनों दवा का होगा क्लीनिकल ट्रायल

यह दोनों दवा कोरोना मरीजों के इलाज में कारगर हैं, लेकिन पहले उसका क्लीनिकल ट्रायल (Clinical trial) होगा। जामिया के इस शोध को प्रतिष्ठित जर्नल बायोसाइंस (Journal Bioscience) रिपोर्ट ने भी मान्यता दे दी है। सीआईआरबीएससी (CIRBSC) में शोध टीम के प्रमुख वैज्ञानिक डॉ. इम्तियाज हसन (Scientist Dr. Imtiaz Hasan) के मुताबिक, प्रयोगशाला में कोरोना के मुख्य प्रोटीन की जारी क्रिस्टल संरचना की मदद से दवाओं का संभावित चिकित्सीय विकल्प तलाशने का प्रयास किया गया है।
विकल्प के तौर पर हुआ रहा है प्रयोग

इस शोध में ग्लेकाप्रीविर (Glacaprivir) और मारवीयोक ( Maraviok) कोरोना के मुख्य प्रोटीन के सर्वश्रेष्ठ अवरोधक के तौर पर पहचान की गई हैं। इनका प्रयोग कोरोना के उपचार के विकल्प के तौर पर किया जा सकता है। इसमें से ग्लेकाप्रीविर एक एंटी वायरल दवा है, जिसका प्रयोग हेपेटाइटिस सी वायरस से संक्रमित रोगियों के उपचार में किया जाता है, जबकि मारवीयोक का प्रयोग एचआईवी संक्रमण रोकने में किया जाता है।

किया ड्रग रिप्रोजिंग

डॉ. हसन के मुताबिक, इन दवाओं ने कोरोना के खिलाफ प्रभावी और सुरक्षित दवाओं को विकसित करने के लिए एक वैकल्पिक नजरिया दिया है। कोरोना महामारी से बचने के लिए मौजूदा दवाओं के इस्तेमाल से तत्काल प्रभावी इलाज ढूंढने की जरूरत है। इसे प्रक्रिया को ड्रग रिप्रोजिंग कहा जाता है। इसमें कंप्यूटर की मदद से ड्रग डिजाइन तकनीकों का इस्तेमाल करने, प्रमुख वायरल प्रोटीन की विस्तृत 3डी संरचनाओं का अध्ययन करने के बाद ड्रग रिप्रोजिंग के माध्यम से कारगर दवाओं की पहचान की जाती है।

गौरतलब है कि Coronavirus Update दुनियाभर के देशों के साथ-साथ भारत में भी कोरोनावायरस (Coronavirus) के मामले तेजी से बढ़ते जा रहे हैं। देश में कोरोना (Covid-19) संक्रमितों का कुल आंकड़ा डेढ़ लाख के पार पर पहुंच गया है। स्वास्थ्य मंत्रालय (Health Ministry) की ओर से आज जारी आंकड़ों के मुताबिक, भारत में कोरोनावायरस मरीज़ों की कुल संख्या 1,58,333 हो गई है और जबकि इस वायरस से अब तक 4,531 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं, पिछले 24 घंटों में कोरोना के 6,566 नए मामले सामने आए हैं और 194 लोगों की जान गई है। हालांकि, राहत की बात यह है कि 67,692 मरीज़ कोरोना को मात देने में कामयाब हुए हैं. रिकवरी रेट 42.75 प्रतिशत पर पहुंच गया है।

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