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हाईकोर्ट की सख्त टिप्पणी, कोरोना वायरस का टीका बाहर भेजे जाने पर उठाए सवाल

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टीके को लेकर अपनी निर्माण क्षमता का खुलासा करने का आदेश दिया है।
अपने लोगों का टीकाकरण नहीं होने पर सवाल उठाया।

नई दिल्लीMar 04, 2021 / 04:53 pm

Mohit Saxena

नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट ने गुरुवार एक याचिका की सुनवाई करते हुए सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया व भारत बायोटेक को कोविशील्ड और कोवैक्सीन टीके को लेकर अपनी निर्माण क्षमता का खुलासा करने का आदेश दिया है।
अदालत ने कोरोना वायरस का टीका बाहर भेजे जाने पर सख्त टिप्पणी की है। कोर्ट ने कहा, कोविड-19 टीके दान दिए जा रहे हैं, अन्य देशों को बेचे जा रहे हैं। अपने लोगों का टीकाकरण नहीं हो रहा है।
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हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार से फिलहाल कोविड-19 टीकाकरण के लिए व्यक्तियों के वर्ग पर सख्त नियंत्रण रखने के तर्क के बारे में भी पूछा। यही नहीं दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार को आदेश दिया है कि वह कोर्ट परिसरों में चिकित्सा केंद्रों का निरीक्षण करे और जानकारी दें कि क्या वहां पर कोविड-19 टीकाकरण केंद्र स्थापित करने की संभावना है।
केंद्र ने चरणबद्ध तरह से टीकाकरण को मंजूरी दी है। इसके तहत पहले चरण में चिकित्साकर्मियों तथा अग्रिम मोर्चे के कर्मियों का टीकाकरण किया गया है। गौरतलब है कि अब दूसरे चरण में 60 वर्ष से ज्यादा उम्र वाले लोगों का टीकाकरण किया जा रहा है। इसके साथ 45 वर्ष से 60 वर्ष की आयुवर्ग के उन लोगों को टीका दिया जा रहा है, जिन्हें पहले से कोई गंभीर बीमारी है।

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