अमृतसर। स्वर्ण मंदिर परिसर में बुधवार को तनाव फैला रहा। चरमपंथी सिखों ने तलवारें लहराईं और जत्थेदार ज्ञानी गुरबचन सिंह समेत एसजीपीसी प्रमुख अवतार सिंह मक्कड़ के खिलाफ नारेबाजी की और काले झंडे दिखाए। ये लोग अकाल तख्त के प्रमुख जत्थेदार गुरबचन सिंह द्वारा दिवाली पर सिखों को संदेश देने का विरोध कर रहे थे।
सादे कपड़ों में बड़ी संख्या में पुलिसवालों की मौजूदगी के बावजूद ध्यान सिंह मांड अकाल तख्त के सामने पहुंचने में कामयाब रहे। इन्हें अनौपचारिक सरबत खालसा के जरिए गुरबचन सिंह की जगह अकाल तख्त का प्रमुख जत्थेदार बनाया गया है। मांड न सिर्फ यह कि अकाल तख्त के सामने पहुंच गए बल्कि सिखों को संबोधित भी किया।
मांड ने पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल के सामाजिक बहिष्कार का आह्वान किया। चरमपंथी गुट ने ज्ञानी ध्यान सिंह मांड को अकाल तख्त का जत्थेदार घोषित किया है इससे पहेल पुलिस ने ऐहतियात के तौर पर हार्ड लाइनर माने जाने वाले सिमरनजीत सिंह मान और मोहकाम सिंह को गिरफ्तार कर लिया था।
गौरतलब है कि डेरा सच्चा सौदा के राम रहीम को अकाल तख्त की बेज्जती करने के मामले में एसजीपीसी ने माफी दे दी थी जिसका कई सिख संगठनों ने विरोध किया था। हालांकि दबाव के कारण एसजीपीसी ने फैसले को पलट दिया था।
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