हिलेरी ने राष्ट्रपति चुनाव के दौरान रूस के दखल की कड़े शब्दों में आलोचना करते हुए कहा कि इससे साफ देखा जा सकता है कि लोकतंत्र हर जगह खतरे में है। ऐसे हस्तक्षेप से केवल मुझे ही नुकसान नहीं हुआ, बल्कि इसने समाज को भी बांटकर दख दिया है। क्लिंटन ने कहा कि वे जितने भी नेताओं से मिली हैं, उनमें से किसी को भी रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन महिलाओं का सम्मान करने वाले नहीं लगे।
इस दौरान क्लिंटन ने पाकिस्तान को भी आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ऐसा देश है, जो आतंकियों को खुलेआम शरण देता है। इससे अफगानिस्तान में आतंक के खिलाफ चलाया जाने वाला अभियान भी प्रभावित हो रहा है। चूंकि कार्रवाई के दौरान उन्हें छिपने के लिए पाकिस्तान में सुरक्षित जगह मिल जाती है। यह कारण है कि अफगानिस्तान में आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में किसी नतीजे पर नहीं पहुंचा जा रहा।
पेरिस समझौते से पीछे हटने के मामले पर हिलेरी ने कहा कि ट्रंप के इस फैसले ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सामने अमरीका को शर्मिंदा किया है। पूरी दुनिया में ऐसा करने वाला अमरीका पहला देश है। इस समझौते को लेकर उन्होंने भारत की प्रशंसा की और अन्य देशों को इस समझौते के लिए तैयार करने के लिए भारतीय नेताओं का धन्यवाद भी किया।