‘जय श्री राम’ और खतने ने पैदा कर दी है उलझन
इस मामले में पुलिस भी ये नहीं तय कर पा रही है कि मरने वाला शख्स हिंदू परिवार का है या फिर मुस्लिम परिवार का। उलझन कुछ इसलिए भी है कि मृतक की बॉडी पर ‘जय श्री राम’ का नारा भी गुदा हुआ है और शव का ‘खतना’ भी हो रखा है। शव का चेहरा बुरी तरह से बिगड़ चुका है, जिस वजह से पहचान मुश्किल हो रही है। इस वजह से इस केस को सुलझाने में पुलिस के सामने दिक्कत आ रही है। जानकारी के मुताबिक, मामला 1 सितंबर का है, जब सड़क दुर्घटना में एक युवक की मौत हुई थी। पुलिस थाने से उत्तर प्रदेश के गोंडा के जबवर अली (जब्बार अली) को फोन गया कि उसके बेटे का शव आया है। वह अपने साथ ले जाएं। उसी समय गिरिडीह जिले के गांवा के रहने वाले वृद्ध बाल किशन शर्मा ने अपने बेटे का शव बताकर दावा ठोक दिया।
हादसे में हो गई थी युवक की मौत
गिरिडीह के निमियाघाट थाना क्षेत्र में जीटी रोड पर चार दिन पहले सड़क दुर्घटना के दौरान घायल युवक को पुलिस ने इलाज के लिए पीएमसीएच में भर्ती कराया था। इलाज के दौरान युवक की मृत्यु हो गई। इसके बाद शव को लेकर विवाद जारी है। जबवर अली (जब्बार अली) का दावा था कि शव उसके बेटे जुमारती का है। पहले पुलिस शव को जब्बार को सौंप भी चुकी थी। वह लेकर निकल भी चुका था, लेकिन बाल किशन शर्मा के दावे के बाद विवाद खड़ा हो गया और दोबारा शव को ले जा रहे एंबुलेंस को हजारीबाग के गोरहर से वापस धनबाद बुलाया गया।
मुस्लिम के साथ-साथ हिंदू परिवार ने भी ठोंक दिया दावा
यहीं से पुलिस के लिए माथापच्ची शुरू हो गई। पुलिस ये जानने की कोशिश कर रही है कि शव शर्मा के बेटे संतोष का है या जब्बार के बेटे जुमारती का। जब्बार ने अपने बयान में कहा है कि उसके बेटे जुमराती के पैर में कैंसर हो गया था। पोस्टमार्टम मे में ये बात सही पायी गयी थी। किशन के अनुसार उनके बेटे संतोष का एक पैर बीमारी के कारण काटना पड़ा था। धनबाद के पाटिलीपुत्र मेडिकल कॉलेज एवं अस्पातल में एक शव को लेकर दो दिन से विवाद चल रहा था। एसडीएम राज महेश्वरम के निर्देश पर रविवार को धनबाद के अंचलाधिकारी प्रकाश कुमार और डीएसपी मुकेश कुमार ने जाकर दोनों पक्षों की बातें सुनी।
डीएनए टेस्ट बचा है एकमात्र रास्ता
दोनों परिवार अपनी अपनी तरफ से कागजात और कई दूसरे प्रमाण पत्र दिखाकर शव को अपना बता रहे हैं। हिंदू परिवार जहां वोटर आइडी दिखा रहा है। वहीं मुस्लिम परिवार जुमराती और उसकी बीवी का आधार कार्ड, राशन कार्ड, बैंक पासबुक आदि पेश कर रहा है। पुलिस कागजात देखने के बाद भी कोई फैसले पर नहीं पहुंच पाई है। उनके अनुसार अब डीएनए टेस्ट ही एकमात्र रास्ता बच रहा है।