नई दिल्ली। बीजेपी ने जब से दोबारा सत्ता संभाली है लगातार बड़े फैसले लिए जा रहे हैं। फिर चाहे जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाना हो या फिर तीन तलाक जैसे बड़े बिल पास कराने हों। इसी कड़ी में अब बीजेपी अध्यक्ष और गृह मंत्री अमित शाह ने एक और बड़ी ऐलान किया है।
अमित शाह ने एक मल्टीपरपज आईडी कार्ड की बात कही है। इस कार्ड में पासपोर्ट, आधार और वोटर कार्ड सब कुछ समाहित होंगे। देश में इस वक्त आधार, पासपोर्ट और वोटर कार्ड जैसे कई आईडी कार्ड हैं, जिन्हें एड्रेस और फोटो पहचान पत्र के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है। अमित शाह ने इन सबको एक कार्ड में समाहित करने के लिए कहा है।
गृहमंत्री ने जो विचार दिया है उसके मुताबिक आधार, पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस, वोटर कार्ड जैसे अलग-अलग कार्ड की बजाय अब देश में एक कार्ड बनाया जाए। इसके तहत सभी कार्ड समाहित हो जाएं। यही नहीं उन्होंने यह भी विचार दिया कि बैंक अकाउंट को भी इसी कार्ड के साथ जोड़ दिया जाए।
आपको बता दें कि यूपीए सरकार ने एक कार्ड के कॉन्सेप्ट पर ही आधार लॉन्च किया था। अब तक आधार को ही एक महत्वपूर्ण पहचान के तौर पर इस्तेमाल भी किया जा रहा है। लेकिन अब इसको भी एक नए कार्ड में समाहित कर दिया जाएगा।
अमित शाह ने कहा है कि 2014 में नरेन्द्र मोदी के देश के प्रधानमंत्री बनने के बाद हमारे सोचने की क्षमता में बदलाव होने लगा। देश को समस्याओं से मुक्त किया जाए, ऐसी प्लानिंग की शुरुआत 2014 के बाद हुई। इससे जनगणना रजिस्टर के सही उपयोग की शुरुआत हुई।
गृहमंत्री ने कहा कि अब हर 10 साल में होने वाली जनगणना भी साल 2021 में होनी है। इस बीत अमित शाह ने बताया कि 2021 की जनगणना घर-घर जाकर नहीं बल्कि, मोबाइल ऐप के जरिए होगी।
निधन के बाद जानकारी पॉपुलेशन डेटा में जुड़ जाए उन्होंने कहा कि कोई ऐसा सिस्टम भी होना चाहिए, जिसमें किसी व्यक्ति की मृत्यु होने पर यह जानकारी अपने-आप पॉपुलेशन डाटा में जुड़ जाए।
डिजिटल हो रही है जनगणना देश के सामाजिक प्रवाह, देश के अंतिम व्यक्ति के विकास और देश के भविष्य के काम के आयोजन के लिए जनगणना आधार है। जनगणना का डिजिटल डाटा होने से कई तरह के विश्लेषण के लिए इसका उपयोग कर सकते हैं। कई बदलाव और नई पद्धति के बाद जनगणना डिजिटल होने जा रही है।