पत्थरबाजों पर कार्रवाई का संविधान में नहीं है कोई प्रस्ताव
सदन में गृह मंत्रालय ने बताया कि आखिर क्यों घाटी में पत्थरबाज कानून के शिकंजे से बचकर निकल जाते हैं। गृह मंत्रालय ने बताया कि हमारे संविधान में पत्थरबाजों पर ठोस कार्रवाई करने का कोई विशेष प्रावधान नहीं है और इसी वजह से घाटी में सुरक्षाबलों पर पत्थर बरसाने वाले लोग आसानी से छूठ जाते हैं। गृह मंत्रालय के मुताबिक पिछले दो दशकों से भी ज्यादा समय से जम्मू कश्मीर सीमा पार से प्रायोजित आतंकवाद और अलगाववादी हिंसा से प्रभावित रहा है। इसकी अहम कड़ी यही है कि पाकिस्तान कश्मीर के स्थानीय लोगों को बहका दिया है।
इस साल सुरक्षाबलों पर हुए हैं 587 आतंकी हमले
आपको बता दें कि पिछले कुछ समय में जम्मू-कश्मीर के अंदर पाकिस्तान की तरफ से हो रहे आतंकी हमलों और घुसपैठ की घटनाओं में जबरदस्त बढ़ोतरी हुई है। इस साल सुरक्षा बलों पर 587 आतंकी हमले हो चुके हैं, जबकि पिछले साल ये संख्या 329 थी। ये जानकारी संसद में पेश की गई एक रिपोर्ट में दी गई है। रिपोर्ट के ही मुताबिक, इन हमलों में 86 जवान शहीद हो गए हैं, जबकि जवानों ने 238 आतंकियों को मार गिराया है।
संसद में ये रिपोर्ट केंद्रीय गृह राज्य मंत्री हंसराज अहीर की तरफ से पेश की गई।