Muharram 2021: इस्लाम में क्यों मातम का महीना होता है मुहर्रम, शिया-सुन्नी इसे अलग-अलग तरह कैसे मनाते हैं
नई दिल्लीPublished: Aug 19, 2021 08:29:20 am
मुस्लिम समुदाय कई पंथों में बंटा हुआ है। उनमें दो प्रमुख हैं शिया और सुन्नी। सुन्नी आशूरा के दिन रोजा रखते हैं। पैगंबर मोहम्मद आशुरा के दिन रोजा रखते थे और शुरुआती दौर के मुस्लिमों ने इनका अनुसरण किया।
नई दिल्ली। इस्लामिक कैलेंडर में साल का पहला महीना मुहर्रम का होता है। इसे दुखी या गम का महीना भी कहते हैं। यानी मुस्लिम समुदाय इस महीने खुशियां नहीं बल्कि, मातम मनाता है। इस महीने का दसवां दिन सबसे अहम होता है। माना जाता है कि पैगंबर-ए-इस्लाम हजरत मोहम्मद के नाती हजरत इमाम हुसैन की इसी दिन कर्बला की जंग (680 ईस्वी) में परिवार और दोस्तों के साथ हत्या कर दी गई थी। माना यह भी जाता है कि उन्होंने अपनी जान इस्लाम की रक्षा के लिए दी थी।