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तबाही के संकेत: भारत में 55 दिन में 14 बार हिली धरती, DELHI-NCR में भूकंप का बड़ा खतरा!

Highlights.
– कोरोनावायरस (Coronavirus) के साथ-साथ भारत तूफानों, टिड्डियों और भूकंप के झटकों से भी जूझ रहा.
– बीते 55 दिन में भारत की धरती 14 बार हिली, सिर्फ दिल्ली-एनसीआर (DELHI-NCR) 11 झटके झेल चुका है.
– वैज्ञानिकों में इसको लेकर दो मत है कि यह बड़े खतरे का संकेत है या महज फॉल्ट प्लेटों का एडजस्टमेंट.

नई दिल्लीJun 06, 2020 / 08:05 am

Ashutosh Pathak

earthquake

भूकंप को लेकर किसी भी तरह की सटीक भविष्यवाणी कर पाना बहुत मुश्किल.

नई दिल्ली।

एक तरफ पूरी दुनिया कोरोनावायरस के संकट से जूझ रही है। वहीं, भारत कोरोनावायरस के साथ-साथ खतरनाक तूफानों, टिड्डियों और भूकंप (Earthquake) के झटकों से भी बेहाल हुआ जा रहा है। कोरोनावायरस के कारण देश के लॉकडाउन (Lockdown) होने से अनलॉक (Unlock) होने तक के बीच में यानी बीते 55 दिनों में भारत की धरती 14 बार हिल चुकी है। अकेले सिर्फ दिल्ली-एनसीआर इन दिनों में 11 झटके झेल चुका है। ऐसे में लोगों को डर सता रहा है कि क्या यह किसी बड़ी तबाही के संकेत हैं। क्या आने वाले दिनों में भारत के किसी हिस्से में भूकंप का बड़ा झटका आ सकता है।
5 जून दिन शुक्रवार को भारत में तीन राज्यों में भूकंप के झटके महसूस किए गए। यह झटके सुबह करीब 7 बजे झारखंड के जमशेदपुर, कर्नाटक के हंपी और मेघालय में महसूस हुए। इनकी रेक्टर स्केल पर करीब 4 से 5 के बीच रही। वहीं, एक दिन पहले यानी 4 जून दिन गुरुवार को दिल्ली-एनसीआर में करीब साढ़े तीन रेक्टर स्केल की तीव्रता का भूकंप आया था।
बड़े खतरे का संकेत या सिर्फ भ्रम
हालांकि, कई विशेषज्ञ भी इन आशंकाओं से इनकार नहीं कर रहे कि आने वाले कुछ हफ्ते बड़े खतरे का संकेत दे रहे। वहीं, कुछ विशेषज्ञ इससे अलग राय रखते हैं। उनका मानना है कि धरती का बार-बार हिलना रूटीन प्रक्रिया का हिस्सा है। उनके मुताबिक, खतरा इसलिए भी ज्यादा नहीं दिख रहा, क्योंकि भारत में विभिन्न राज्यों के अलावा दिल्ली-एनसीआर में बीते कुछ दिनों में भूकंप के जितने भी के झटके आए हैं, उनकी रेक्टर स्केल पर तीव्रता साढ़े तीन के आसपास रही है और यह किसी बड़े खतरे का संकेत नहीं बताता बल्कि, यह प्लेटों के एडजस्टमेंट की वजह से हो रहा, जो रूटीन प्रक्रिया है, इसलिए इससे घबराने की जरूरत नहीं है।
दबाव अभी ज्यादा नहीं, इसलिए खतरा कम
भारत में नेशनल सेंटर ऑफ सिस्मोलॉजी के प्रमुख जीएल गौतम के मुताबिक, भूकंप के ऐसे झटके, जिनकी रेक्टर स्केल पैमाने पर तीव्रता 4 या इसके आसपास होती है, उनसे नुकसान की संभावना न के बराबर रहती है। यह धरती के भीतर फॉल्ट प्लेटों के एडजस्टमेंट की वजह से होती रहती है और यह किसी तरह का खतरा पैदा नहीं करती। गौतम के अनुसार, दिल्ली-एनसीआर में कोई फॉल्ट प्लेट नहीं हैं, जिस पर अभी दबाव ज्यादा हो। उनके मुताबिक, दिल्ली-एनसीआर सिस्मिक जोन-4 में आते हैं। उन्होंने बताया कि खतरा हिमालय और उसके आसपास के क्षेत्रों में ज्यादा है, क्योंकि वहां दबाव बढ़ रहा है। नेपाल में आया विनाशकारी भूकंप इसका उदाहरण है।
छोटे-छोटे झटके बड़े भूकंप की आहट
बहरहाल, दुनियाभर में भूकंप को लेकर हुए कुछ शोध में जो दावे किए गए हैं, वह कुछ और ही संकेत दे रहे हैं। इन शोध में दावा किया गया है कि ऐसे छोटे-छोटे भूकंप के झटके बड़े भूकंप का संकेत देते हैं। अमेरिका के लॉस अलामॉस नेशनल लेबोरेट्री की ओर से जारी एक रिपोर्ट के मुताबिक, बीते वर्ष कैलिफोर्निया में रेक्टर स्केल पर 4 की तीव्रता से भूकंप के कई झटके आए, जिनमें करीब 70 प्रतिशत बार हल्के झटके महसूस किए गए थे।
पहले से कुछ भी बता पाना मुश्किल
लगातार धरती हिलने को लेकर विशेषज्ञ चाहे जो भी मत रखें, लेकिन एक बात तो तय है कि भूकंप को लेकर किसी भी तरह की सटीक भविष्यवाणी कर पाना बहुत मुश्किल है। दिल्ली-एनसीआर में बीते करीब दो महीने में 11 बार धरती हिली है। कभी कम, तो कभी थोड़ा तेज। बस, गनीमत यह रही कि इससे किसी तरह के जान या माल का नुकसान नहीं हुआ है। फिर भी भूकंप कब आएगा, कितना तेज होगा, यह किसी के लिए भी बता पाना मुश्किल है। ऐसे में जरूरी यह है कि हमें हर हाल में सतर्कता बरतनी चाहिए और बचाव के लिए तैयार रहना होगा। हम अपने पाठकों को आगे यह बता रहे हैं कि यदि भूकंप के झटके महसूस हों तो क्या करना चाहिए और क्या नहीं। —
– जैसे ही झटके महसूस हो या लगे कि धरती हिल रही है, तो तुरंत बिल्डिंग से बाहर निकलकर खुली जगह पर आ जाएं।

– बिल्डिंग से निकलने के लिए हमेशा सीढिय़ों का इस्तेमाल करें, लिफ्ट का इस्तेमाल आपके लिए मुश्किल खड़ी कर सकता है।
– इस बात का भी ध्यान रखें कि बाहर निकलकर किसी बड़ी बिल्डिंग, पेड़ या खंभों के आसपास नहीं खड़े हों।

– यदि सडक़ पर गाड़ी में हैं तो उसे किनारे खड़ी करके बाहर निकलें, मगर ध्यान रहे होर्डिंग्स, खंभे, ट्रांसफार्मर, पेड़ या बिल्डिंग के पास नहीं खड़े हों। इसके अलावा, पुल या फ्लाईओवर पर भी गाड़ी खड़ी नहीं करें।
– यदि आप ऐसी जगह हैं, जहां तुरंत बाहर निकलना संभव नहीं है, तो बेहतर होगा घर में ही किसी चौकी या भारी मेज के नीचे बैठ जाएं।

– घर में हैं तो अलमारी, पंखा, खिडक़ी या ऊपर रखे किसी भारी सामान के आसपास नहीं रूकें। इसके गिरने से चोट का खतरा हो सकता है।
– भूकंप आने पर घबराएं नहीं बल्कि, धैर्य से काम लें। भाग दौड़ नहीं करें, क्योंकि यह आपके लिए नुकसानदेह साबित हो सकता है।

– यदि मजबूत मेज या चौकी-बेेड नहीं दिख रहा, तो दीवार से सटकर खड़े हों या बैठ जाएं और सिर पर किसी मजबूत चीज का ओट रख लें।

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