हालांकि, कई विशेषज्ञ भी इन आशंकाओं से इनकार नहीं कर रहे कि आने वाले कुछ हफ्ते बड़े खतरे का संकेत दे रहे। वहीं, कुछ विशेषज्ञ इससे अलग राय रखते हैं। उनका मानना है कि धरती का बार-बार हिलना रूटीन प्रक्रिया का हिस्सा है। उनके मुताबिक, खतरा इसलिए भी ज्यादा नहीं दिख रहा, क्योंकि भारत में विभिन्न राज्यों के अलावा दिल्ली-एनसीआर में बीते कुछ दिनों में भूकंप के जितने भी के झटके आए हैं, उनकी रेक्टर स्केल पर तीव्रता साढ़े तीन के आसपास रही है और यह किसी बड़े खतरे का संकेत नहीं बताता बल्कि, यह प्लेटों के एडजस्टमेंट की वजह से हो रहा, जो रूटीन प्रक्रिया है, इसलिए इससे घबराने की जरूरत नहीं है।
भारत में नेशनल सेंटर ऑफ सिस्मोलॉजी के प्रमुख जीएल गौतम के मुताबिक, भूकंप के ऐसे झटके, जिनकी रेक्टर स्केल पैमाने पर तीव्रता 4 या इसके आसपास होती है, उनसे नुकसान की संभावना न के बराबर रहती है। यह धरती के भीतर फॉल्ट प्लेटों के एडजस्टमेंट की वजह से होती रहती है और यह किसी तरह का खतरा पैदा नहीं करती। गौतम के अनुसार, दिल्ली-एनसीआर में कोई फॉल्ट प्लेट नहीं हैं, जिस पर अभी दबाव ज्यादा हो। उनके मुताबिक, दिल्ली-एनसीआर सिस्मिक जोन-4 में आते हैं। उन्होंने बताया कि खतरा हिमालय और उसके आसपास के क्षेत्रों में ज्यादा है, क्योंकि वहां दबाव बढ़ रहा है। नेपाल में आया विनाशकारी भूकंप इसका उदाहरण है।
बहरहाल, दुनियाभर में भूकंप को लेकर हुए कुछ शोध में जो दावे किए गए हैं, वह कुछ और ही संकेत दे रहे हैं। इन शोध में दावा किया गया है कि ऐसे छोटे-छोटे भूकंप के झटके बड़े भूकंप का संकेत देते हैं। अमेरिका के लॉस अलामॉस नेशनल लेबोरेट्री की ओर से जारी एक रिपोर्ट के मुताबिक, बीते वर्ष कैलिफोर्निया में रेक्टर स्केल पर 4 की तीव्रता से भूकंप के कई झटके आए, जिनमें करीब 70 प्रतिशत बार हल्के झटके महसूस किए गए थे।
लगातार धरती हिलने को लेकर विशेषज्ञ चाहे जो भी मत रखें, लेकिन एक बात तो तय है कि भूकंप को लेकर किसी भी तरह की सटीक भविष्यवाणी कर पाना बहुत मुश्किल है। दिल्ली-एनसीआर में बीते करीब दो महीने में 11 बार धरती हिली है। कभी कम, तो कभी थोड़ा तेज। बस, गनीमत यह रही कि इससे किसी तरह के जान या माल का नुकसान नहीं हुआ है। फिर भी भूकंप कब आएगा, कितना तेज होगा, यह किसी के लिए भी बता पाना मुश्किल है। ऐसे में जरूरी यह है कि हमें हर हाल में सतर्कता बरतनी चाहिए और बचाव के लिए तैयार रहना होगा। हम अपने पाठकों को आगे यह बता रहे हैं कि यदि भूकंप के झटके महसूस हों तो क्या करना चाहिए और क्या नहीं। —