
नई दिल्ली। आंध्र प्रदेश की राजधानी हैदराबाद में कोरोना वायरस से 62 वर्षीय शख्स की मौत के बाद कब्रिस्तान में शव दफनाने को लेकर एक ही समुदाय के दो गुटों के बीच नौबत मारपीट तक पहुंच गई। विवाद इतना बढ़ गया कि स्थानीय विधायक और एसीपी की दखल के बाद याकूतपुरा कब्रिस्तान में शव दफनाया गया।
दरअसल, हैदराबाद में कोरोना वायरस ( Coronavirus ) संक्रमित होने के बाद एक 62 वर्षीय शख्स मौत हुई हो गईं। मृतक का नाम अब्दुल सलीम था। जब अब्दुल सलीम को लोग याकूतपुरा कब्रिस्तान में उसे दपफनाने पहुंचे तो इलाके के रहने वालों ने कब्रिस्तान में शव को दफनाने से रोक दिया। इस बात को लेकर माहौल खराब होने से बच गया।
याकूतपुरा के लोगों का कहना था कि अब्दुल सलीम उनके इलाके से ताल्लुक नहीं रखते थे। इसलिए उनका शव याकूतपुरा में न दफनाया जाए। साथ ही स्थानीय लोगों ने शव वहां दफनाए जाने पर कोरोना के फैलने का खतरा जाहिर किया।
इस मुद्दे पर एक ही समुदाय के दो गुटों के बीच दो घंटे तक तनाव का माहौल बना रहा। इस दौरान एंबुलेंस शव लिए डबीरपुरा पुलिस स्टेशन के बाहर खड़ी रही। तनाव बढ़ने पर मौके पर पहुंचे स्थानीय विधायक और एसीपी के दखल के बाद शव कब्रिस्तान में दफनाया गया।
याकूतपुरा इलाके के विधायक सैयद अहमद पाशा कादरी ने कहा कि जब कोरोना वायरस से संक्रमित किसी की मौत होती है तो हर तरह की सावधानियां बरती जाती है। शव पर केमिकल का छिड़काव किया जाता है। शव को एक बैग में पैक कर रखा जाता है। इतना ही नहीं कब्रगाह पर भी केमिकल का छिड़काव किया जा रहा है। इससे कोरोना वायरस फैलने का कोई खतरा नहीं है।
Updated on:
06 Apr 2020 07:22 pm
Published on:
06 Apr 2020 07:18 pm
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