इल्तिजा मुफ्ती ने ट्वीट करते हुए लिखा कि मैं वो हफ्ता कभी नहीं भूल सकती, जब उन्हें गिरफ्तार कर जेल में डाल दिया गया। उन्होंने लिखा कि मैं अगले कुछ दिन बेहद परेशान रही, इसके बाद मुझे वो चिट्ठी टिफिन बॉक्स के भीतर मिली, जिसमें उनके लिए घर से भोजन भेजा जाता था। इल्तिजा मुफ्ती ने कहा चिट्ठी को रोटी में लपेट कर उनके पास भेजा जाता था।
इल्तिजा ने अपनी मां के ट्विटर हैंडल से ट्वीट करते हुए लिखा कि ठीक छह महीने पहले, मैं बेबसी के साथ देखती रही जब अधिकारी मेरी मां को ले गए। दिन हफ्तों में बदले और हफ्ते महीनों में। कश्मीर में अब तक राजनीतिक नेता अवैध हिरासत में हैं। यह एक बुरे सपने जैसा है। सरकार अपने ही लोगों की आवाज दबा रही है। उन्होंने कहा कि भारत के विचार पर हमला हो रहा है और इस दौरान चुप रहना आपराधिक सहभागिता है। इल्तिजा मुफ्ती ने कहा कि इस संकट के आर्थिक और मानसिक असर ने जम्मू-कश्मीर को कमजोर कर दिया है। उन्होंने आगे लिखा कि अभी भी कुछ नहीं बदला। सच तो यह है कि भारत के विचार पर हमला हो रहा है और इस पर चुप रहना भी आपराधिक सहभागिता है। गौरतलब है कि महबूबा मुफ्ती को हिरासत में लिए जाने के बाद से उनकी बेटी इल्तिजा मुफ्ती उनका ट्टिटर अकाउंट चला रही हैं।