आपको बता दें कि दोनों समुदायों में हंगामें और बढ़ते तनाव को रोकने के लिए जिला प्रशासन और पुलिस ने एहतियातन 76 ड्यूटी मजिस्ट्रेट लगाए गए हैं। बता दें कि हरियाणा के इतिहास में यह पहली बार है जब नमाज के लिए प्रशासन काे इतने बड़े स्तर पर ड्यूटी मजिस्ट्रेट लगाने पड़े हैं।
सरकारी स्थानों पर नमाज पढ़ने पर विरोध
बता दें कि सरकारी स्थानों पर नमाज पढ़ने को लेकर कुछ संगठनों ने विरोध दर्ज कराया था। इसी के तहत पिछले दो सप्ताह में वजीराबाद, अतुल कटारिया चौक, साइबर पार्क, बख्तावर चौक और साउथ सिटी इलाकों में नमाज को ‘बाधित’ किया गया था। ऐसा कहा जा रहा है कि इस घटना को अंजाम देने के पीछे विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल, हिंदू क्रांति दल, गौरक्षक दल और शिवसेना के सदस्य शामिल हैं। हालांकि अबतक विरोध करने वाले 6 लड़कों पर केस दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।
हालात कैसे खराब हुए
आपको बता दें कि इस मामले ने तूल तब पकड़ा जब मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने इस मामले में एक बयान दे दिया। अपने बयान में खट्टर ने कहा कि ‘मस्जिदों, ईदगाहों और निजी स्थानों पर ही नमाज अदा की जानी चाहिए।’ इसी लाइन पर प्रशासनिक अधिकारियों ने भी बात करनी शुरू कर दी। गुरुग्राम के डिवीजनल कमिश्नर डी. सुरेश ने कहा कि सड़कों और ग्रीन बेल्ट पर नमाज नहीं होने दी जाएगी। इस के बाद से मामले ने तूल पकड़ लिया और अब यह दो समुदायों के बीच संघर्ष की वजह बन गई है।
इन जगहों पर नमाज पढ़ने की इजाजत
आपको बता दें कि तनाव बढ़ने का आसार के बीच मुस्लिम समुदाय को प्रशासन ने इन जगहों पर नमाज पढ़ने की इजाजत दी है। इसमें ताऊ देवीलाल स्टेडियम, लेजर वैली पार्क कच्चा ग्राउंड, मेदांता अस्पताल के पीछे, रॉकलैंड अस्पताल मानेसर के पीछे, सेक्टर-5, धनचरी, नजदीक सिरहौल बॉर्डर के पास सरकारी जमीन पर, विजिलेंस कार्यालय के सामने सेक्टर-47, सेक्टर 5 हुडा ग्राउंड, ओबेरॉय होटल के पीछे (एचएसआईआईडीसी), ताऊ देवीलाल पार्क सेक्टर 22 आदि। इनके अलावे भी कई ऐसे जगह है जहां पर सुरक्षा व्यवस्था की गई है।