नई दिल्ली। चीन से लगातार चल रहे तान के बीच भारतीय, अमरीका और जापान ने हिंद महासागर में संयुक्त सैन्य अभ्यास शुरु करने जा रही है । तीनों देश की नौसेनिकों के इस अभ्यास को ऑपरेशन मालाबार नाम दिया गया है। भारत के सख्त रवैये को को चीन के होश फाख्ता हो गए हैं, क्योंकि रविवार को ही भारत ने सिक्किम स्थित सीमा पर टेंट लगा कर पीछे नहीं हटने के संकेत दिए हैं।
तीन देश के शक्तिशाली हथियार शामिल
पहली बार मालाबार युद्धाभ्यास में तीन एयरक्राफ्ट हिस्सा ले रहे हैं। इसमें भारत का आईएमएस विक्रमादित्य, जापान का का इजूमो और अमरीका का निमित्ज एयरक्राफ्ट शामिल है। 7 दिनों तक चलने वाले इस संयुक्त सैन्य अभ्यास में लगभग 20 जंगी जहाज और दर्जनों फाइटर प्लेन, दो सबमरीन और टोही विवान अपने युद्द कौशल को हिंद महासागर की लहरों के बीच दिखाएंगे। इसके साथ ही इसमें अमेरिका परमाणु पनडुब्बी के साथ शामिल हो रहा है।
युद्धाभ्यास से बौखला चीन
10 जुलाई से 17 जुलाई तक चलने वाले इस युद्धाभ्यास से चीन बुरी तरह बौखला गया है। तिब्बत सीमा पर चीन के साथ जारी संघर्ष के बीच भारत हिंद महासागर में इस अभ्यास के जरिए यह संदेश देना चाहेगा कि वह हर वक्त सरहद की ओर आंख दिखाने वालों को जवाब दे सकता है।
भारत के जंगी बेड़े में शामिल हैं
भारत के बेड़े में एयरक्राफ्ट कैरियर आईएनएस विक्रमादित्य, आईएनएस सतपुड़ा, आईएनएस शक्ति,आईएनएस किर्च और आईएनएस सह्याद्रि शामिल हैं। इसके अलावा चेतक हेलीकॉप्टर और पी-8 आई भी अपने युद्ध कौशल का परिचय देंगे।
1997 से चल रहा है मालाबार युद्धाभ्यास
तीन देशों के बीच ये मालाबार युद्धाभ्यास 1992 से शुरु हुआ था और तभी से लगातार जारी है। इस युद्धाभ्यास का मसकद तीनों देश की सेनाओं के बीच ऑपरेशन के दौरान तालमेल और विश्वास बनाए रखना है। 2007 में बंगाल की खाड़ी में हुए युद्धाभ्यास के दौरान सबसे ज्यादा 5 देशों ने हिस्सा लिया था। जिसमें भारत, अमरीका और जापान के अलावा सिंगापुर और ऑस्ट्रेलिया भी शामिल थे।
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