LAC पर IAF का शक्ति प्रदर्शन: सीमा पर भारतीय वायुसेना के गरजते विमानों से बढ़ जाती हैं चीन की धड़कनें बताया जा रहा है कि इस इलाके में भारतीय सेना ( Indian Army latest news ) ने तीन डिविजन टुकड़ी तैनात की हैं, जिनमें दो डिविजन बाहर से आई हैं। इनमें से एक डिविजन ऐसी है जिसका इस इलाके में कोई भी ऑपरेशनल रोल नहीं रहा है, जिसके चलते इसे रसद पहुंचाने में और भी मुश्किलें हैं। बीते दो महीनों में मैदानी इलाकों से लद्दाख में पहुंची अन्य यूनिट्स के लिए भी हालात समान बने रहने की संभावना है।
LAC पर तैनात अतिरिक्त सैनिकों अगर सर्दियों में भी इन इलाकों में तैनात रहते हैं, तो दूरदराज के पहाड़ी इलाकों में इनके लिए रसद पहुंचाना मुश्किल काम है और सेना इस मामले पर मंथन ( Indian army planning ) कर रही है।
मीडिया से बातचीत में सेना के उत्तरी कमांड के लॉजिस्टिकल इंचार्ज ने कहा कि अगर सर्दियों में भी अतिरिक्त सैनिकों को यहां तैनात किया गया, तो उन्हें रसद सहायता पहुंचाना चुनौती भरा काम होगा। अभी इस पर चर्चा जारी है और अगले छह सप्ताह में इस पर निर्णय लिया जाएगा।
भारत-चीन सीमा विवाद के बीच क्या है तीनों सेनाओं के अध्यक्ष से मिलने के पीछे पीएम मोदी की योजना दरअसल रसद की आपूर्ति सेना के एडब्ल्यूएस के जरिये की जाती है और यह गर्मियों के महीनों में होती है। यहां पर आपूर्ति दो रास्तों से होती है जिनमें श्रीनगर से लेह तक और मनाली का रास्ता प्रमुख है। दिसंबर की शुरुआत तक ये दोनों मार्ग बर्फबारी के कारण बंद हो जाते हैं लेकिन सेना किसी भी आकस्मिक स्थिति के लिए नवंबर की शुरुआत तक रसद काफिले की आवाजाही को पूरा करने का प्रयास करती है। यह इलाका भी ऐसा है जहां किसी चीज का उत्पादन नहीं होता, ऐसे में समय रहते हर चीज पहुंचाना बेहद जरूरी हो जाता है।
वायु मार्ग से रसद पहुंचाना भी यहां पर चुनौतीपूर्ण है क्योंकि एक बार एक निश्चित सीमा से ऊपर जाने पर विमान पूरे भार के साथ लेह से उड़ान नहीं भर सकता है। अमरीकी C-130J इसके लिए बहुत बेहतर हैं, लेकिन पुराने रूसी IL-76 ट्रांसपोर्ट के जरिये कई मुश्किलें आने की संभावना है।