नई दिल्ली। भारत गोवा में होने वाले ब्रिक्स देशों के शिखर सम्मेलन में पाकिस्तान को अलग-थलग करने की पूरी तैयारी में है और ब्रिक्स देश सम्मेलन की समाप्ति पर एक घोषणापत्र भी जारी करने वाले हैं, जिसमें आतंकवाद और उन देशों की कड़ी निंदा किए जाने की संभावना है, जो आतंकवाद को पनाह देते हैं और उसका समर्थन करते हैं।
15-16 अक्टूबर को आयोजित होने वाले इस सम्मेलन की तैयारी अपने अंतिम चरण में हैं। सम्मेलन में इस बात की पूरी संभावना है कि इसमें पाकिस्तान को अलग-थलग करने पर विचार विमर्श हो। पाकिस्तान और चीन के बीच आर्थिक एवं सामरिक समझौते हैं। इसको देखते हुये भी यह सम्मेलन महत्वपूर्ण हो गया है।
चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने भी आतंकवाद के विरुद्ध सदस्य देशों का समर्थन किया है। भारत की अध्यक्षता में होने वाले इस सम्मेलन में आतंकवाद के खिलाफ नये विगुल फूंके जाने की पूरी संभावना है। ब्रिक्स का मुख्य उद्देश्य सदस्य देशों के बीच आपसी सहयोग को बढ़ावा देना है लेकिन जिस प्रकार से पाकिस्तान समर्थित आतंकवादियों ने भारतीय सेना के उरी स्थित सैन्य शिविर पर धोखे से हमला करके 20 जवानों को मार दिया, इस पर भी प्रमुखता से चर्चा की संभावना है।
पाकिस्तान के इस्लामाबाद में होने वाले सार्क सम्मेलन का बहिष्कार करने वाले पांचों सदस्य देशों की यहां मुलाकात होगी। ब्रिक्स सम्मेलन के दौरान द्विपक्षीय मुद्दों पर बातचीत के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तथा जिनपिंग की अलग से बैठक होगी।
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