श्रीनगर. पठानकोट हमले के बाद कश्मीर में सेना का सुरक्षा तंत्र मजबूत करने के लिए एक हजार करोड़ रुपये का प्रस्ताव तैयार किया गया था। मगर अभी तक फंड जारी नहीं हो पाया है। ऐसे में, सेना का सुरक्षा चक्र कमजोर हो रहा है। नतीजतन, सेना पर एक के बाद एक हमले हो रहे हैं। पहले पठानकोट। फिर उरी। अब नगरोटा में में सेना पर हमला।
हथियार अपग्रेड करने से लेकर बेहतर डिफेंस सिस्टम का काम रुका
पठानकोट हमले के बाद एक हजार करोड़ रुपये के फंड का प्रस्ताव रखा था। लेकिन इस पर अब तक अंतिम मुहर नहीं लग सकी है। यही वजह है कि फंड सेना के कोष में नहीं आ सका। सूत्रों के अनुसार, इस फंड से घाटी में तैनात जवानों को आधुनिक बनाने का प्लान है। उनके हथियार अपग्रेड करने से लेकर बेहतर बंकर और डिफेंस सिस्टम को और भी ज्यादा मजबूत करने का फैसला लिया गया था। शुरुआत में 400 करोड रुपये देने का प्रस्ताव था। बाकी रकम तीन सालों में देने का फैसला किया गया था मगर अब तक एक रुपया भी नहीं जारी हुआ है।
क्या बदलाव होने
सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस फंड से स्मार्ट सेंसरयुक्त बंकर बनाने और लोकेशन ट्रैक करने वाले अत्याधुनिक ट्रैकर व मार्डर्न हेलमेट खरीदने हैं। यही नहीं, ऐसे लाइव कंट्रोल रूम बनाए जाने हैं जिनपर बम धमाकों में भी असर नहीं पड़ता। इस कंट्रोल रूम से शीर्ष अधिकारी ऑपरेशन के दौरान लाइव अपडेट लेकर जवानों को रियल टाइम निर्देश दे सकते हैं। ज्ञात हो कि पठानकोट हमले के तुरंत बाद रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने सिक्योरिटी ऑडिट का निर्देश दिया था। ऑडिट के बाद टीम से सुरक्षा तंत्र मजबूत करने के लिए सुझाव भी मांगे थे। छह माह पहले कमेटी ने रिपोर्ट सौंपी थी मगर अब तक कुछ नहीं हो पाया।
Home / Miscellenous India / सुरक्षा तंत्र की मजबूती के लिए सेना को 1 हजार करोड़ का इंतजार, क्या एेसे लड़ेगी सेना?