लंबे समय से लगातार नई-नई टेक्नोलॉजी के साथ अपने यात्रियों को घंटा पकड़ा देने वाली रेलवे की एक और कहानी सामने आई है। लेकिन ये वाला मामला रेलवे की नई टेक्नोलॉजी की तरह ही बिल्कुल नया है। हमें तो ऐसा लगता है कि ये पहली बार हो सकता है, लेकिन इससे जुड़े कई मामले पहले देखे जा चुके हैं। अगर आप भी आने वाले कुछ दिनों में ट्रेन से कहीं जाने का प्लान बना रहे हों तो कैंसल करने का भी कोई फायदा नहीं है। क्योंकि ये इंडिया है गुरु, यहां रेलवे के अलावा ऐसा कोई साधन नहीं है जो आपकी जेब और टाइम की फिक्र करते हुए आपको आपके गंतव्य तक पहुंचा दे।
दरअसल पूरा मामला आज का ही है। आज की तारीख 21 नवंबर है और दिन मंगलवार है। हुआ यूं कि हमारे देश का ही एक नागरिक भारतीय रेल की गाड़ी संख्या 12616 जीटी एक्सप्रेस से सफर कर रहा था। ट्रेन के कोच में घुसते ही उसके होश उड़ गए। क्योंकि उस थर्ड एसी कोच में दरवाज़ा ही नहीं था। यात्रियों को बहलाने के लिए रेलवे ने दरवाज़े की जगह वही चादर डाल रखी थी, जिसे वो सीट पर बिछाने के लिए देते हैं। मतलब ये कि उस कोच में बैठकर ठीक वही फीलिंग्स आएंगी जो एक नॉन एसी कोच में बैठने के बाद आती है। लेकिन इसमें खास बात ये थी कि आपको एसी के दाम में नॉन एसी सफर का मज़ा मिल रहा था।
ट्विटर पर शिकायत करने के बाद भी राकेश की मदद नहीं की गई। जबकि इसके लिए रेलमंत्री पीयूष गोयल, रेल मंत्रालय से मदद मांगी गई थी। पूरे मामले में सिर्फ खानापूर्ति की गई थी, जैसे कि हमेशा से करती आ रही है रेलवे। धन्य हो प्रभू, अरे माफ कीजिए। धन्य हो पीयूष.. इस सफर के लिए आपका बहुत-बहुत निराश यात्री।