यह किताबों की लाइब्रेरी की तरह है जिसमें पुस्तकों की जगह साडिय़ां मिलेगी। ठीक उसी तरह जैसे लाइब्रेरी में लोग पुस्तक पढऩे के लिए ले जाते हैं, फिर वापस करते हैं। महिलाएं इस लाइब्रेरी से साडिय़ां ले जाएंगी और फिर बाद में वापस कर देंगी। शेयर एंड केयर फाउंडेशन और ग्रामश्री संस्था के सहयोग से शुरू लाइब्रेरी में सूरत, अहमदाबाद, वडोदरा की धनी महिलाओं ने एक-दो बार पहनी साड़ी दी हैं। की शुरू की गई है।
अब दूसरे गांवों में भी ऐसी तैयारी ग्रामश्री संस्था ने इन साडिय़ों का संग्रह आरंभ कर दिया है। यह प्रयोग अब दूसरे गांवों में भी करने की तैयारी है। संस्था के कोऑडिर्नेटर पंकज महेरिया ने बताया कि अब इन साडिय़ों का उपयोग इन दिनों वैवाहिक कार्यक्रम में किया जा रहा है।
नई अवधारणा
जिन महिलाओं को साड़ी की जरूरत हो वह यहां से प्राप्त कर सकती हैं। इस नई अवधारणा के जरिए ग्रामीण महिलाओं को साफ-सुथरी साडिय़ा मिल सकेंगी।
– नीता जादव, संयोजक सराहनीय पहल
साड़ी लाइब्रेरी शुरू करने से गांव की महिलाओं को निशुल्क ही अच्छी साडिय़ां पहनने को मिलेंगी। साड़ी लाइब्रेरी सराहनीय प्रयास है।
– दौलत सिंह चौहाण, सरपंच, फूलजी ना मुवाडा