ईरान का पक्ष लेते हुए भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि यह परमाणु कार्यक्रम पूरी तरह से शांतिपूर्ण है और इससे अंतरराष्ट्रीय समुदाय को खतरा नहीं है। अमरीका के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि सभी पक्षों को बातचीत करके विवादित मुद्दों का समाधान निकालना चाहिए। दरअसल अमरीका के ईरान परमाणु समझौते से अलग होने से इसका असर भारत पर भी पड़ सकता है। इसलिए ईरान के खिलाफ भारत खुलकर कुछ भी बोलने से हिचक रहा है। अमरीका से भारत के करीबी रिश्ते की वजह से विदेश मंत्रालय का यह बयान काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
सऊदी अरब ने ईरान परमाणु समझौते से अलग होने के अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के फैसले का स्वागत किया है। सऊदी अरब ने सऊदी प्रेस एजेंसी के जरिए जारी अपने बयान में साथ ही कहा कि वह ईरान पर फिर से प्रतिबंध लगाए जाने का भी स्वागत करता है, जिनमें इस समझौते के बाद ढील दी गई थी। सऊदी ने कहा कि उसने मध्य पूर्व और पूरे विश्व में सामूहिक विनाश को रोकने के मकसद से ईरान और अन्य छह शक्तियों के बीच हुए परमाणु समझौते का शुरुआत में समर्थन किया था, लेकिन ईरान ने समझौते से मिलने वाले आर्थिक लाभ का इस्तेमाल क्षेत्र को अस्थिर करने में किया।