विक्रम लैंडर मसले की होगी जांच, राष्ट्रीय स्तर की समिति का गठनः के सिवन
चंद्रयान-2 ऑर्बिटर को लेकर इसरो प्रमुख ने जताया संतोष
तमाम विशेषज्ञों की एक समिति करेगी विक्रम लैंडर से जुड़े मामले की जांच
सिवन ने इसरो के भविष्य के अभियानों को लेकर भी दी जानकारी
वैज्ञानिक जांच में हुआ बड़ा खुलासा, लैंडिंग प्रोग्राम में गड़बड़ी चलते विक्रम लैंडर क्रैश!
अहमदाबाद। इस माह के सबसे बड़े अभियान यानी चंद्रयान-2 को लेकर हर किसी की जिज्ञासा बनी हुई है। यों तो इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गनाइजेशन (इसरो) ने विक्रम लैंडर से संपर्क को लेकर सभी संभावनाओं पर विराम लगा दिया है, लेकिन इसरो प्रमुख के सिवन के नए बयान ने फिर से लोगों की दिलचस्पी इसमें बढ़ा दी है। इसरो प्रमुख के सिवन ने कहा है कि विक्रम लैंडर के साथ हुए मामले की जांच के लिए एक राष्ट्रीय समिति का गठन किया गया।
इसरो प्रमुख के सिवन ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी मीडिया को दी। पहले तो उन्होंने चंद्रयान-2 ऑर्बिटर को लेकर संतोष जताया। इसके साथ यह भी कहा कि अब तक विक्रम लैंडर से कोई भी सिग्नल हासिल नहीं हो सका है।
मीडिया से बातचीत में कहा, “चंद्रयान-2 ऑर्बिटर बेहद अच्छा काम कर रहा है और इससे जुड़े सभी कार्य शुरू हो चुके हैं और अच्छा संचालन कर रहे हैं। हालांकि ऑर्बिटर अच्छा काम कर रहा है लेकिन अभी तक लैंडर (विक्रम) से कोई सिग्नल नहीं मिल सका है।”
इतना ही नहीं सिवन ने आगे कहा कि विक्रम लैंडर के साथ हुई परेशानियों को लेकर एक राष्ट्रीय स्तर की समिति का गठन कर दिया गया है। विक्रम लैंडर से जुड़ी रिपोर्ट के आधार पर इसरो भविष्य की कार्रवाई को निर्धारित कर रहा है।
चंद्रयान-2: मिशन मून में विक्रम लैंडर खराब होने के कारण इसरो प्रमुख के सिवन के इस बयान का मतलब है कि विक्रम लैंडर से संपर्क टूटने के बाद न केवल भारतीय बल्कि अन्य अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों के प्रयासों का कोई फल नहीं निकलना, कई बड़े सवाल खड़े करता है। इस सवाल के जवाब ढूंढ़ने के लिए प्रयास किए जाने जरूरी है।
इस राष्ट्रीय स्तर की समिति के गठन का मतलब है कि इसमें अंतरिक्ष विज्ञान, प्रक्षेपण, भौतिकी, संचार समेत चंद्रयान-2 जैसे मिशन के विशेषज्ञों का शामिल किया जाएगा। विभिन्न विशेषज्ञों की यह समिति विक्रम लैंडर से संपर्क टूटने, इसके लैंड करने और पुनः संपर्क न साध पाने को लेकर बारीकी से जांच करेगी, ताकि किसी पुख्ता नतीजे पर पहुंचा जा सके।
वहीं, इसरो प्रमुख ने इस दौरान भविष्य की योजनाओं के बारे में भी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इसरो स्मार्ट सैलेटलाइट लॉन्च व्हीकल (एसएलएलवी), आदित्य-L1 और गगनयान अभियान को लॉन्च किए जाने परर भी काम कर रही है।
वायुसेना को मिले Spice-2000 बम, बालाकोट एयरस्ट्राइक में किया था इस्तेमाल उन्होंने कहा, “इसरो गगनयान अंतरिक्ष कार्यक्रम की तैयारी कर रही है। हम अंतरिक्ष के लिए दो अभियान भेजेंगे जिनमें कोई इंसान नहीं होगा। इनमें पहला 2020 के अंत तक और दूसरा अगस्त 2021 तक लॉन्च करने का लक्ष्य है, ताकि हम दिसंबर 2021 तक इंसान को भेजने वाला मिशन लॉन्च कर सकें।”
गौरतलब है कि गगनयान मिशन भारत का पहला ऐसा अभियान है जिसमें किसी इंसान को अंतरिक्ष में भेजा जाएगा।