खदान में फंसे मजदूरों को बचाने के लिए स्थानीय मजदूरों, एनडीआरएफ और भारतीय नौसेना समेत तमाम अन्य एजेंसियां जुटी हुई हैं। बचाव कार्य के लिए राज्य से बाहर से भी कुछ उपकरण मंगाए गए हैं।
इस संबंध में इस्ट जैंतिया हिल्स के अतिरिक्त उपायुक्त एसएस सीमलीह ने बताया, “हां, नौसेना द्वारा संचालित आरओवी ने एक शव पा लिया है।” वहीं, नौसेना ने भी इस बात की पुष्टि की है।
खदान में एक शव की पहचान कर ली गई है, की पुष्टि करते हुए भारतीय नौसेना ने ट्वीट किया, “गहराई 160 फीट है (60 फीट नहीं) और शव को खदान के छोटे से मुंह तक खींच लिया गया है और इसे चिकित्सकों की देखरेख में खदान से बाहर निकाला जाएग।”
इससे पहले बचाव दल इस खदान से पानी बाहर निकालने की कोशिश में जुटा है। इसके लिए ओडिशा से काफी ज्यादा शक्तिशाली पानी निकालने वाले पंप मंगाए गए थे। हालांकि इनसे बचाव दल को आपेक्षित सफलता नहीं हासिल हो सकी।। इसके बाद नौसेना ने खदान में काफी नीचे फंसे मजदूरों का पता लगाने के लिए पानी के नीचे चलने वाला रिमोट संचालित वाहन गुफा में भेजा।
यह खदान ईस्ट जैंतिया हिल्स जिला मुख्यालय से एक किलोमीटर से भी कम दूरी पर है। यहां तक पहुंचने के लिए केवल 4 व्हील ड्राइव एसयूवी का ही इस्तेमाल किया जा सकता है। बचाव अभियान में नौसेना, एनडीआरएफ, ओडिशा फायर सर्विस, स्टेट डिजास्टर रिस्पॉन्स फंड, राज्य अग्निशमन विभाग, सीआईएल और केबीएल समेत अन्य एजेंसियों के कम से कम 200 बचावकर्मी शामिल रहे हैं।
इससे पहले पिछले सप्ताह सुप्रीम कोर्ट ने अवैध खदानों पर कार्रवाई न करने के मामले में राज्य सरकार को फटकार लगाई थी और यह भी कहा था कि बचाव अभियान जारी रहना चाहिए। अदालत ने इसके लिए केंद्र और मेघालय सरकार से विशेषज्ञों की मदद लेने की भी बात कही थी।
न्यायमूर्ति एके सीकरी की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा था, “अपने बचाव कार्य जारी रखिए, क्या पता सभी या फिर कम से कम कुछ लोग अभी भी जिंदा हों? चमत्कार भी होते हैं।”