इल्तिजा मुफ्ती ने कहा कि वास्तविक संपर्क इंटरनेट सेवाओं की बहाली, राजनीतिक कैदियों को रिहा करने, नागरिक समाज के सदस्यों से बात करने और उनकी चिंताओं को दूर करने, डोमिसाइल के बारे में बात करने और बाहरी लोगों द्वारा भूमि को लिए जाने को लेकर उनकी आशंकाओं को दूर करके किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि जम्मू के लोग भाजपा से नाराज है और उनका कोई वास्तविक जुड़ाव या संपर्क नहीं है।
महबूबा मुफ्ती की बेटी ने कहा कि वे आशंकित हैं कि वे जम्मू में सीटें खो देंगे। उन्होंने कहा कि कश्मीर में इतनी ज्यादा सुरक्षा की मौजूदगी का कोई मतलब नहीं है, जब सरकार कह रही है कि घुसपैठ में कमी है। उन्होंने कहा कि यह गलतियां करने जैसा है, उनके पास नियंत्रण का तरीका नहीं है, उनके पास सिर्फ एक क्रूर बहुमत है, उनके पास कोई योजना नहीं है, उनके पास सही नीति नहीं है, उनके पास सही प्राथमिकताएं नहीं है, सत्ता में आने के बाद से उनकी प्राथमिकता एनआरसी, सीएए और अयोध्या है। पूर्व सीएम की बेटी ने कहा कि भाजपा की अगुवाई वाली सरकार ने एक राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांटकर भारत के नक्शे के साथ छेड़छाड़ की है।
उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र का कश्मीर में सामान्य जनजीवन बहाल करने की कोई मंशा नहीं है। यह जन संपर्क कुछ नहीं सिर्फ जम्मू में मतदाताओं को जुटाने का प्रयास है। मुफ्ती ने कहा कि मेरा मानना है कि वे जो भी कर रहे हैं, सिर्फ एक पहेली जैसा है। गौरतलब है कि मोदी सरकार के 26 मंत्रियों का एक समूह 60 जगहों का दौरा कर रहा है, जिसमें जम्मू के 52 और कश्मीर घाटी के तीन जिले में से आठ जगहें हैं। यह दौरा 18 जनवरी से 24 जनवरी के बीच हो रहा है।