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दक्षिणी कश्मीर में अराजक स्थिति, खाली कराए गए थाने

सरकार ने हालात खराब होने के
लिए चलते 36 में से 33 पुलिस थानों को बंद किया, मूकदर्शक बने रहने के
निर्देश के बाद सीआरपीएफ के जवान भी नहीं दिखा रहे हैं रुचि

Aug 23, 2016 / 08:32 am

Rakesh Mishra

Kashmir Unrest

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श्रीनगर। कश्मीर में पिछले 46 दिनों से जारी कर्फ्यू व हिंसा में सबसे बुरे हालात दक्षिणी कश्मीर के हैं। कश्मीर के इस हिस्से में पुलिस बल और सेना के जवान भी दूरी बनाने में लगे हैं। दक्षिणी कश्मीर के चार जिलों पुलवामा, शोपियां, कुलगाम और अनंतनाग में पूरी तरह अराजकता फैली हुई है।

जम्मू-कश्मीर सरकार ने इन चार जिलों में संचालित 36 में से 33 थानों को एहतियात के तौर पर बंद कर रखा है। केवल तीन ही पुलिस थाने पुलवामा, राजपुरा और अवंतीपुरा में काम कर रहे हैं। इसके अलावा मूकदर्शक बने रहने के निर्देश के बाद सीआरपीएफ के जवान भी इन इलाकों में कम ही जा रहे हैं। प्रभावी पुलिस बल की गैरमौजूदगी में सैकड़ों और हजारों की तादाद में लोग लगभग रोज आजादी रैली निकाल रहे हैं। इन सबके बीच आज मंगलवार को भी घाटी में कर्फ्यू जारी है।


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जानकारी के अनुसार जब भीड़ ने पुलिस थानों पर हमला करना शुरू कर दिया तो बाकी थानों को खाली करवा लिया गया। उग्र भीड़ ने कई थानों में आग भी लगा दी थी। पुलिस विभाग के सूत्रों का कहना है कि पुलिस विभाग ने कुछ समय के लिए दर्जनों थानों को बंद कर दिया है। ज्यादातर थाने अब खाली पड़े हैं, जिनकी सुरक्षा सेना और सीआरपीएफ के जवान कर रहे हैं। सीआरपीएफ के जवान भी साउथ कश्मीर में नजर नहीं आ रहे हैं।

सीआरपीएफ से जुड़े सूत्रों ने बताया कि उन्हें सड़क पर भारी भीड़ के दौरान मूक दर्शक बनने के निर्देश हैं। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया त्राल से बड़ी संख्या में युवाओं ने आतंकी संगठनों को जॉइन किया है। यहां लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के कमांडरों द्वारा नियोजित ट्रेनिंग कैंप चलाए जा रहे हैं। हिजबुल मुजाहिदीन के कमांडर बुरहान वानी की मौत के बाद से ही घाटी में तनाव की स्थिति है। इस दौरान हुए विरोध प्रदर्शनों में अब तक 70 लोगों की मौत हो चुकी है।




12 जुलाई से चल रहा है हंगामा

इस सबकी शुरुआत 12 जुलाई को हुई जब भीड़ ने साउथ कश्मीर के कुलगाम जिले के दमहाल हांजीपुरा पुलिस थाने पर हमला कर दिया। भीड़ ने थाने पर हमला करके 70 सेमी ऑटोमैटिक और ऑटोमैटिक राइफल लूट कर ले गए। इसके साथ ही उन्होंने दो पुलिसकर्मियों को भी बंदी बना लिया। पुलिसकर्मियों को तो बाद में छुड़ा लिया गया, लेकिन बंदूकें बरामद नहीं हुईं। एक पुलिस अधिकारी ने कहा, हम उम्मीद करते हैं कि ये हथियार गलत हाथों में न पड़ जाएं। अनंतनाग की एक रैली में कुछ स्थानीय आतंकी राइफल लहराते दिखे थे। उन्होंने कहा कि भीड़ अपने साथ हांजीपुरा पुलिस थाने से पुलिस वायरलेस कम्युनिकेशन कोड्स के साथ ही कुछ संवेदनशील कागजात ले गई थी।



पुलिस ने ली सेना के कैंपों में शरण

सूत्रों ने कहा उग्र भीड़ के डर से कई पुलिसकर्मियों ने सीआरपीएफ और सेना कैंपों में शरण ले रखी है। एक अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, सेना के जवानों को पुलिस इमारतों को प्रदर्शनकारियों से बचाने की ड्यूटी पर लगाया गया है। वहीं सीआरपीएफ के जवानों से कहा गया है कि वे नारे लगाती भीड़ से टकराव टालने के लिए गलियों में पैट्रोलिंग न करें। वानी के गृह नगर त्राल की पुलिस पोस्ट बंद कर दी गई है। दूसरी ओर बुरहान वानी के पिता मुजफ्फर वानी ने कहा उन्हें खुद को विरोध प्रदर्शन के नए नेता के तौर पेश किया जाना पसंद नहीं है।

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